उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि यूपी और अन्य राज्यों में प्रदेश के कामगारों एवं श्रमिकों को सेवायोजित करने के लिए बनने वाले माइग्रेशन कमीशन का नाम कामगार श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग होगा।
मुझे यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि रेलवे ने 3,000 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का सफल परिचालन कर देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों को अपने गृह राज्य पहुँचाया।
मैं सभी राज्यों से एक बार फिर अपील करता हूँ कि रेलवे का सहयोग करें व अपने श्रमिक भाइयों की मदद करे। pic.twitter.com/JMY874qdmg
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 25, 2020
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक में कामगारों एवं श्रमिकों की विभिन्न प्रदेशों से वापसी की समीक्षा की। उन्होंने आदेश दिया कि माइग्रेशन कमीशन का नाम कामगार श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग रखा जाए। उन्होंने बताया कि यह आयोग श्रमिकों एवं कामगारों के सेवायोजन, रोजगार, स्किल मैपिंग और कौशल विकास के क्षेत्र में आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक दो दिन में आयोग के गठन की कार्रवाई सुनिश्चित कर ली जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रदेश के कामगारों और श्रमिकों को सेवायोजित करने के लिए एक ‘माइग्रेशन कमीशन गठित किया जाएगा।
योगी ने कहा कि इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी कामगारों एवं श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी दी जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश में अब तक जितनी भी मैन पॉवर (श्रम शक्ति) हमारे पास है। प्रदेश सरकार इसकी स्किल मैंपिंग करा रही है। जिसके बाद इनके व्यापक स्तर पर रोजगार उत्तर प्रदेश में ही उपलब्ध कराने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर किसी राज्य को मैन पावर की आवश्यकता होगी तो उनकी मांग पर सामाजिक सुरक्षा की गारंटी राज्य सरकार देगी, बीमा कराएगी और श्रमिक एवं कामगार को हर तरह की सुरक्षा देगी। इसके साथ ही कोई भी राज्य सरकार बिना अनुमति के उत्तर प्रदेश के लोगों को श्रमिक व कामगार के रूप में लेकर नहीं जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से लॉकाडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की दुर्गति और उनके साथ जिस प्रकार का दुर्व्यवहार हुआ है। उसको देखते हुए प्रदेश सरकार उनकी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी अपने हाथों में लेने जा रही है। योगी ने कहा कि इसके लिए सरकार अपने एक-एक कामगार व श्रमिक की स्किल मैंपिंग और उनका सारा ब्यौरा इकट्ठा करेगी। चाहें वो उत्तर प्रदेश में पहले से ही कार्य कर रहा हो या फिर प्रवासी श्रमिक के तौर पर लॉकडाउन के दौरान वापस आया हो। प्रवासी श्रमिक व कामगार उत्तर प्रदेश के अलावा देश और दुनिया में जहां कहीं भी जाएगा प्रदेश सरकार उसके साथ खड़ी रहेगी।
महाराष्ट्र के पूर्व CM और भाजपा नेता नारायण राणे ने आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की, उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। pic.twitter.com/garHDdLtg1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 25, 2020
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