India China border standoff on Ladakh: पिछले 20 दिन से लद्दाख में चीन की हर एक हरकत पर सेना की पैनी नजर है। ड्रैगन को माकूल जवाब देने का जिम्मा पांच लोगों को मिला है।
नई दिल्ली पूर्वी लद्दाख सीमा पर आक्रामक तेवर दिखा रहे चीन को माकूल जवाब देने की भारत ने पूरी तैयारी कर ली है। चीन के खिलाफ कूटनीतिक के साथ ही रणनीतिक प्लान भी तैयार है। भारत और चीनी सैनिकों में तनाव बढ़ने के बीच कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सुरक्षा चक्र के ‘टॉप 5’ से बातचीत की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक हुई, तो आज चल रही आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में चीन सीमा पर डटे कमांडर्स अपना प्लान सामने रखेंगे। इस कॉन्फ्रेंस में चीन पर जवाबी ऐक्शन का खाका खिंचेगा।
सेना प्रमुख जनरल एम.एम.नरवाने की अध्यक्षता में सेना प्रमुखों की कांफ्रेंस शुरू हो गई है। सेना के शीर्ष कमांडर बैठक में भाग ले रहे हैं और लद्दाख में चीनी आक्रमण सहित सभी सुरक्षा मुद्दों पर इसमें चर्चा होगी। pic.twitter.com/u7dGNLyLYE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 27, 2020
आर्मी कमांडर्स की बैठक साल में दो बार होती है। इसमें सेना के सातों कमांड के अफसर भाग लेते हैं। चीन से सटी उत्तरी और पूर्वी कमांड के सैन्य अधिकारी भी इस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आक्रामक तेवर दिखा रहे चीन के खिलाफ रणनीति तय होगी। सभी सैन्य अधिकारी इसमें प्रजेंटेशन के जरिए बॉर्डर का हाल सामने रखेंगे और भारतीय सैनिकों ने क्या कदम उठाया है, इसकी जानकारी देंगे।
एक इंच पीछे नहीं हटेगा भारत, बाज आए चीन
पीएम मोदी संग CDS, NSA और सेना प्रमुखों की मीटिंग का एजेंडा वैसे तो मिलिट्री रिफॉर्म्स और भारत की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने पर था। मगर चीन की लद्दाख में हरकत ने मीटिंग का रुख मोड़ दिया। सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने पीएम मोदी को लद्दाख के ताजा हालात से रूबरू कराया। यह तय हुआ है कि बॉर्डर पर जो डेवलपमेंट के काम चल रहे हैं, वे नहीं रुकेंगे। चीन ने निर्माण रोकने की शर्त रखी है जिसे भारत मानने को तैयार नहीं। भारत ने चीन से साफ कहा है कि वह बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखे।
हर डेवलपमेंट पर है NSA की नजर
CDS ने तीनों आर्मी के चीफ को साथ लेकर पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी। पैंगोंग झील, गलवां घाटी, डेमचोक और दौलब बेग ओल्डी में भारत और चीन के सैनिक भिड़े हैं। NSA अजीत डोभाल ने लगातार LAC पर हुए डेवलपमेंट्स पर नजर रखी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तरी सिक्किम और उत्तराखंड में बॉर्डर पर पिछले दिनों जो भी हलचल हुई है, डोभाल ने उसके बारे में पीएम मोदी को बताया है।
लद्दाख में एक्स्ट्रा फोर्स तैनात
भारतीय सेना ने लद्दाख में बॉर्डर से सटे कई सेक्टर्स में प्रजेंस बढ़ा दी है ताकि चीन कोई उलटी हरकत ना कर सके। चीन ने LAC पर बड़ी तेजी से कंस्ट्रक्शन शुरू किया है और टेंट वगैरह गाड़ दिए थे। भारत ने भी पैंगोंग झील और गलवां घाटी में चीन को उसी तरह जवाब दिया है। दौलत बेग ओल्डी में सेना की 81 और 114वीं ब्रिगेड तैनात है।
भारत से क्यों चिढ़ा चीन?
भारत LAC के ऊंचाई वाले विवादित क्षेत्रों में रोड और एयर कनेक्टिविटी के मामले में चीन के दबदबे को लगातार चुनौती दे रहा है। पूर्वी लद्दाख में चीन के तनाव बढ़ाने वाली हरकतों के पीछे भारत का बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में आक्रामक होना है।255 किलोमीटर लंबे दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (DBO) यानी DSDBO रोड पर 37 पुलों का निर्माण हुआ है। भारत ने सीमाई इलाकों में एयर फोर्स के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चरों को और मजबूत करने की दिशा में अच्छी प्रगति की है
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