कल बुधवार शाम से यह खबर आम हो गई कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की सारी कार्यवाही पूरी हो गई है और गुरुवार देर रात तक वह मुंबई लाया जाएगा. हालांकि गुरुवार सुबह होते-होते विजय माल्या के लाए जाने में पेंच की खबरें आने लगीं.
नई दिल्ली: कल बुधवार शाम से यह खबर आम हो गई कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के प्रत्यर्पण की सारी कार्यवाही पूरी हो गई है और गुरुवार देर रात तक वह मुंबई लाया जाएगा. हालांकि गुरुवार सुबह होते-होते विजय माल्या के लाए जाने में पेंच की खबरें आने लगीं. दरअसल भारतीय जांच एजेंसियों ने उस खबर को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि विजय माल्या को कभी भी मुंबई लाया जा सकता है. सरकारी अधिकारी भी बता रहे हैं कि अब तक ब्रिटेन की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है.
एक सीनियर अफसर ने बताया, “हमें पता नहीं है कि ब्रिटेन के गृह सचिव ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं या नहीं. जब तक हस्ताक्षर नहीं हो जाते या हमें सूचित नहीं किया जाता है, तब तक यह कहना कठिन होगा कि विजय माल्या को कब प्रत्यर्पित किया जा सकता है.”
भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लंदन में पुष्टि की कि माल्या बुधवार रात या जल्द वापस नहीं आ रहे. अब तक कोई प्रत्यर्पण नहीं हुआ है. स्थिति नहीं बदली है. गृह सचिव प्रीति पटेल ने कानूनी कारणों से माल्या के प्रत्यर्पण पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
उधर, माल्या के निजी सहायक ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि प्रत्यर्पण से संबंधित किसी भी घटनाक्रम से वे अनजान हैं. माल्या ने व्हाट्सएप संदेश में टाइम्स ऑफ इंडिया से यह भी कहा, “केवल वो लोग ही जानते हैं कि वो क्या कहते हैं!”
माल्या के बचने का रास्ता
अटकलें हैं कि विजय माल्या ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांग सकता है. हालांकि अब तक इस बारे में भारतीय उच्चायोग, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को ब्रिटेन के गृह कार्यालय से कोई सूचना नहीं मिली है. जानकार बताते हैं कि चूंकि प्रत्यर्पण से बचने के लिए माल्या के पास कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं, इसलिए वह या तो राजनीतिक शरण मांग सकता है या फिर यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है. ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मिल जाती है तो विजय माल्या जब तक चाहे रह सकता है.
यह भी कहा जा रहा है कि अगर माल्या ने शरण के लिए आवेदन किया है, तो यह ब्रिटेन हाई कोर्ट के प्रत्यर्पण को लेकर जारी आदेश से पहले हुआ होगा. अगर वह अदालत के अंतिम आदेश के बाद शरण मांगता, तो वहां की सरकार इसे खारिज कर देगी. अगर माल्या ने शरण के लिए आवेदन कर दिया है तो उसके प्रत्यर्पण में और देरी होगी क्योंकि तब तक उसे भारत लाने को मंजूरी नहीं मिलेगी, जब तक शरण मांगने की अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती.
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