राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र एनसीआर में धरती एक बार फिर हिली है। मंगलवार दोपहर को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। पिछले दो महीनों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में इस बार भी भूकंप की तीव्रता ज्यादा नहीं रही। यह सिर्फ 2.1 थी। इससे पहले शुक्रवार को झारखंड और कर्नाटक में भी भूकंप आया था। कर्नाटक के हम्पी में सुबह 06:55 बजे रिक्टर स्केल पर 4.0 की तीव्रता के साथ भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं, झारखंड के जमशेदपुर में इसी समय रिक्टर स्केल पर 4.7 की तीव्रता वाला भूकंप आया।
दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में बीते एक-डेढ़ महीनों के दौरान एक दर्जन से अधिक छोटे भूकंप आए हैं। कोरोना संकट के बीच जब अधिकतर लोग घरों में थे तो बार-बार भूकंप के झटकों ने चिताएं बढ़ाईं लेकिन भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे भूकंप से ज्यादा खतरा नहीं है बल्कि ये बड़े भूकंप के खतरे को कम कर सकते हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के निदेशक बीके बंसल ने हाल में ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में कई फाल्ट लाइनें गुजरती हैं। इनमें हलचलों से जब ऊर्जा निकलती है तो भूकंप आते हैं।
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