पुलिस के मुताबिक गुरुग्राम के सेक्टर 38 में मेडिसीटी (Medicity) के लिए 53 एकड़ जमीन आवंटन के मामले में कथित अनियमितता के लिए अतिरिक्त सत्र अदालत के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है.
Seven days back, a person had tested positive for #COVID19. We isolated the patient & took samples of all 26 members of the patient's family. Last night their report came & all have tested positive. They have been shifted to a hospital: Dr Narottam Sharma, CMHO Jaipur #Rajasthan pic.twitter.com/gBRR2KFd6Y
— ANI (@ANI) June 9, 2020
हृदय रोग विशेषज्ञ और मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान (Naresh Trehan) समेत 15 लोगों पर गुरुग्राम पुलिस ने मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों में FIR दर्ज की है. आरोपियों में कुछ निजी कंपनियां और सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं. इसकी जानकारी गुरुग्राम पुलिस ने दी है. पुलिस के मुताबिक गुरुग्राम के सेक्टर 38 में मेडिसीटी के लिए 53 एकड़ जमीन आवंटन के मामले में कथित अनियमितता के लिए अतिरिक्त सत्र अदालत के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है. दरअसल इस जमीन के लिए साल 2004 में यहां से स्थानीय लोगों को हटाया गया था.
इसी मामले में गुरुग्राम निवासी रमन शर्मा ने आरोप लगाया है कि मेडिसिटी परियोजना के लिए डॉ. त्रेहान, सुनील सचदेवा, अतुल पुंज और ए. जैन को कानून का उल्लंघन करते हुए और सरकारी नीति का आपराधिक दुरुपयोग करते हुए जमीन दी गई थी. जिससे इन लोगों को आर्थिक लाभ हुआ. ताजा एफआईआर बीते शुक्रवार को दर्ज की गई है. इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के अलावा दंड संहिता की विभिन्न धाराएं भी लगाई गई हैं. एनडीटीवी पर प्रकाशित एक खबर के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने कहा है कि मामला तो दर्ज कर लिया गया है लेकिन अभी जांच की शरुआत नहीं हुई है. जानकारी के मुताबिक मामले में जांच सीनियर अधिकारियों द्वार कराई जाएगी. अभी तक टीम का गठन नहीं हुआ है.
कौन हैं नरेश त्रेहान
डॉक्टर नरेश त्रेहान ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की. इसके बाद वो साल 1971 में न्यूयॉर्क युनिवर्सिटी के मेडिकल सेंटर में प्रैक्टिस के लिए चले गए थे. और करीब 17 सालों तक यहीं पर प्रैक्टिस की. इसके बाव वो भारत लौटे और एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट की शुरुआत की. इस वक्त वो मेदांता अस्पताल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के अलावा चीफ कार्डियक सर्जन भी हैं. वो 1991 से लगातार भारत के राष्ट्रपति के पर्सनल सर्जन के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं. उन्हें मेडिकल के क्षेत्र में सेवाओं के लिए कई पुरस्कार दिए गए हैं. वो पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित हैं.
15 जून तक, 44,000 मामले होंगे और 6,600 बेड की आवश्यकता होगी। 30 जून तक 1 लाख तक मामले पहुंच जाएंगे और 15,000 बेड की आवश्यकता होगी। 15 जुलाई तक 2.25 लाख मामले होंगे और 33,000बेड की जरूरत होगी। 31 जुलाई तक, 5.5 लाख मामलों की उम्मीद है और 80,000 बेड की जरूरत होगी: दिल्ली डीप्टी CM pic.twitter.com/4s7FY3D0d8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2020
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