अरब न्यूज ने इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से बताया है कि हिंसा को खत्म करने के लिए पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) यह अभियान चला रही है. कई साल से ईरान और पाकिस्तान एक-दूसरे पर विद्रोहियों को खत्म करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाने का आरोप लगाते आ रहे हैं.
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच विद्रोहियों के खिलाफ क्रूर अभियान चला रही पाकिस्तानी सेना को मुंह की खानी पड़ गई. दरअसल, बुधवार को बलूचिस्तान (Balochistan) के ब्राबचाह इलाके में बलूच लोगों ने जोरदार हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन किया और पत्थरबाजी की, जिसका परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को अपनी पोस्ट छोड़कर भागना पड़ा. नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक इस विरोध प्रदर्शन में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए. बलूच प्रदर्शनकारियों ने चौतरफा विरोध के बाद पाकिस्तानी सुरक्षा बलों (Pakistan Security Forces) की हालत खराब हो गई और उन्हें अपनी पोस्ट को छोड़कर हटना पड़ गया. बलूचों ने प्रदर्शन के दौरान सैन्य इमारत और वाहन को भी जला दिया है.
अरब न्यूज ने इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से बताया है कि हिंसा को खत्म करने के लिए पाकिस्तानी सेना यह अभियान चला रही है. कई साल से ईरान और पाकिस्तान एक-दूसरे पर विद्रोहियों को खत्म करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाने का आरोप लगाते आ रहे हैं. पिछले महीने पाकिस्तानी सेना की मीडिया ने सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की जानकारी दी थी. बलूचिस्तान में कई विद्रोही गुट सक्रिय हैं. आरोप लगाया जाता रहा है कि बलूच अलगाववादी यहां हिंसा कराते हैं.
‘ग्राउंड जीरो क्लियरेंस ऑपरेशन’
एक इंटेलिजेंस ऑफिसर ने अरब न्यूज को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ‘ग्राउंड जीरो क्लियरेंस ऑपरेशन’ के तहत कार्रवाई की जा रही है. इलाके के लोगों ने भी ऐसी हलचल के बारे में बताया है. कुछ हफ्ते पहले सरकार के समर्थक एक नेता नवाबजादा जमाल खान रायसैनी ने कहा था कि पाकिस्तान की सेना ने बलूच लिबरेशन आर्मी और बलूच लिबरेशन फ्रंट को साफ करने के लिए अभियान चलाया है. उन्होंने कहा था कि कई आतंकियों को ढेर कर दिया गया और उनके ठिकाने उड़ा दिए गए.
पाक मंत्रियों ने नहीं दिये साफ जवाब
इस बारे में पाकिस्तान के मंत्रियों ने साफ-साफ जवाब नहीं दिए हैं. बलूचिस्तान के गृहमंत्री मीर जिया उल्लह लंगूव ने ऑपरेशन के बारे में तो कुछ नहीं कहा लेकिन ‘असरदार’ कदम उठाने की बात कही है. वहीं, एक और अधिकारी ने बताया कि कई निशाने हफ्तों पहले बना लिए गए थे और अब केच, पंजगुर और ग्वादर में छापेमारी की जा रही है. इंटेलिजेंस ऑफिसर का कहना है कि पाकिस्तान ने पिछले साल मई से ईरान के साथ 900 किमी की सीमा पर कांटेदार दीवार लगानी शुरू कर दी थी जिससे विद्रोही परेशान हो गए हैं. इसलिए वे और ज्यादा हमले कर रहे हैं.
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