सुप्रीम कोर्ट: कोरोना मरीजों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार-कचरे में मिले शव

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने कोरोना मरीजों की मौत के बाद उनके शवों को साथ कोताही बरतने के मामले में स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि कोविड -19 मरीजों के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जा रहा है और शव कचरे में मिल रह हैं। कोर्ट ने इस मामले में चार राज्यों से रिपोर्ट मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर के अस्पताल कोविड 19 से मरने वाले मरीजों की उचित देखभाल नहीं कर रहे हैं और परिवार के सदस्यों को उनकी मौत के बारे में सूचना नहीं दे रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कुछ मामलों में परिवार को अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं दिया जा रहा है। सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली के LNJP अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों से इस मामले पर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि वह रोगी प्रबंधन प्रणाली की स्थिति के संबंध रिपोर्ट पेश करें।

कोर्ट ने अस्पतालों में शवों के बीच रहने को मजबूर कोविड-19 रोगियों का जिक्र करते हुए दिल्ली के हालात को ‘भयावह बताया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अस्पताल शवों को रखने में उचित ध्यान नहीं रख रहे और यहां तक कि लोगों की मौत के बारे में उनके परिवार वालों को भी सूचित नहीं कर रहे। न्यायालय ने कोविड-19 के रोगियों की सही तरीके से देखरेख नहीं करने से जुड़े स्वत: संज्ञान वाले एक मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से जवाब मांगा है। इस मामले में कोर्ट ने केंद्र से कोविड-19 रोगियों और संक्रमित लोगों के शवों के प्रबंधन के लिए उठाये गये कदमों पर 17 जून तक जवाब देने को कहा।

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