राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) सहित चुनिंदा लघु बचत योजनाओं में निवेश नियमों में बदलाव के बाद सरकार ने आज कहा कि यदि इन योजनाओं के धारक निवासी से प्रवासी भारतीय (एनआरआई) बन जाते हैं, तो ऐसे खाते परिपक्वता से पहले ही बंद हो जाएंगे। इस तरह के धारकों को डाकघर बचत खातों की दर चार प्रतिशत ही मिलेगी, उन्हें वह दर नहीं मिलेगी जो निवासी भारतीय के रूप में दी जा रही थी। लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) के मामले में जिस दिन खाताधारक का दर्जा एनआरआई का हो जाएगा उसी दिन से उसका पीपीएफ खाता बंद मान लिया जाएगा।
लोक भविष्य निधि कानून, 1968 में संशोधन के अनुसार, यदि इस योजना का कोई खाताधारक प्रवासी भारतीय बन जाता है, तो उसके खाते को उसी दिन से बंद मान लिया जाएगा। उस तारीख से उसे डाकघर बचत खाते के समान चार प्रतिशत का ब्याज ही देय होगा। इन संशोधित नियमों को इसी महीने आधिकारिक गजट में अधिसूचित किया गया है। वहीं अलग से एक अधिसूचना में कहा गया है कि एनएससी के मामले में धारक के एनआरआई बनने के दिन से उसे भुनाया मान लिया जाएगा।
इस पर डाक घर बचत खाते के समान ही ब्याज देय होगा। यह ब्याज उस दिन से, जिस महीने इसे भुनाया जाएगा, उससे पिछले महीने की आखिरी तारीख तक देय होगा। पिछले महीने सरकार ने अक्तूबर—दिसंबर की अवधि के लिए लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। पिछले साल अप्रैल से सभी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में तिमाही आधार पर बदलाव किया जा रहा है। सरकार ने अक्तूबर—दिसंबर की तिमाही के लिए पीपीएफ और एनएससी दोनों पर 7.8 प्रतिशत की ब्याज दर तय की है।