भारत-चीन: वर्ल्ड मीडिया ने बताया तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत

एलएसी पर भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर विदेशी मीडिया ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. सीएनएन ने जहां इस घटना को गेमचेंजर बताया है, वहीं एक्सप्रेस डॉट यूके इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत मान रहा है. इस्राइल टाइम्स के मुताबिक, यह बढ़ते तनाव से उत्पन्न संघर्ष है. न्यूयार्क टाइम्स ने इसे सर्वाधिक आबादी वाले दो देशों के बीच संघर्ष करार दिया है.

एक्सप्रेस डॉट यूके : भारत के साथ खिलवाड़ न करे चीन : ब्रिटिश अखबार की वेबसाइट ने टकराव को तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत करार दिया है. कहा कि पहली बार परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच टकराव की सूचना है. खबर में सेवानिवृत्त अमेरिकी सेना के कर्नल लॉरेंस सेलिन के ट्वीट के हवाले से कहा गया है कि चीन भारत के साथ खिलवाड़ न करे.

वाशिंगटन पोस्ट : दुनिया पर हो सकता है गहरा असर : अमेरिकी अखबार वांशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि विवाद का असर पूरी दुनिया पर हो सकता है. अखबार ने लिखा है कि कई सूत्रों से पता चलता रहा है कि एलएसी पर चीन की अक्रामक पेट्रोलिंग की वजह से हालात खराब होते हैं. भारत यहां मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है. इससे चीन को खतरा नजर आ रहा है.

बीबीसी : शुरू होगी चीन विरोधी भावनाओं की लहर : बीबीसी ने कहा कि इस झड़प का परिणाम जो भी हो, लेकिन नवीनतम घटना से भारत में चीन विरोधी भावनाओं की एक नयी लहर शुरू होने की संभावना है. बीबीसी ने लिखा कि दुनिया की दो बड़ी सेनाएं बॉर्डर पर कई जगहों पर आमने-सामने हैं. नदियों व झीलों की वजह से बॉर्डर के शिफ्ट होने की भी आशंका है.

अलजजीरा : टैंक और तोपों सहित हजारों सैनिक मौजूद : खाड़ी देशों के प्रमुख मीडिया संस्थान अलजजीरा की वेबसाइट पर खबर में कहा गया कि दोनों परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों ने सीमा पर बख्तरबंद टैंक और तोपों सहित हजारों सैनिक, लद्दाख क्षेत्र में मई से तैनात कर रखे हैं. भारतीय सेना का कहना है कि चीनी सैनिकों ने तीन अलग-अलग बिंदुओं पर सीमा पार की.

न्यूयॉर्क टाइम्स : चीन दबंग होकर कर रहा विस्तार : अमेरिका के सबसे बड़े अखबार ने लिखा है कि झड़प से दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाले दो देशों में तनाव और बढ़ गया है. कहा कि चीन दबंग होकर अपने क्षेत्र का विस्तार कर रहा है. चाहे दक्षिण चीन सागर हो या हिमालय क्षेत्र. वियतनाम, ताइवान, हांगकांग व मलयेशिया तेल रिंग मामले इसके ताजा उदाहरण हैं.

सीएनएन : चीन ने की उकसाने वाली कार्रवाई : अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क सीएनएन घटना को गेमचेंजर बताया है. कहा कि चीनी मीडिया ने जिस तरह पीएलए के युद्धाभ्यास को कवर किया, वह उकसाने वाला था. यह भी लिखा कि दोनों देशों के नेताओं को राष्ट्रवाद के लिए जनता का समर्थन मिला है. दोनों ने अपनी जनता से देश को महान बनाने का वादा किया है.

इस्राइल टाइम्स : भारत-चीन सीमांकन नहीं हुआ ढंग से : इस्राइल के अखबार ने वेबसाइट पर लिखा कि चीन ने इस घटना के लिए भारत पर तेजी से दोषारोपण किया. अखबार ने यह भी लिखा कि 3,500 किमी के सीमांत पर दो परमाणु-सशस्त्र दिग्गजों के बीच कभी ठीक से सीमांकन नहीं किया गया, लेकिन दशकों में कोई भी मारा नहीं गया था.

द डॉन : भारतीय शेयर मार्केट में आयी गिरावट : पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने चीन-भारत के बीच हिंसक झड़प पर अलग नजरिया पेश किया. डॉन ने लिखा है कि भारत और चीन के हिंसक संघर्ष की खबर सामने आने के बाद भारतीय रुपया गिर गया. डॉलर के मुकाबले रुपया 76.04 के स्तर पर पहुंच गया. शेयर मार्केट में .04% गिरावट दर्ज की गयी.

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