नई दिल्ली: केंद्र सरकार भारत के गरीबों को हर महीने 2600 रुपए देने की तैयारी कर रही है. बताया जा रहा है कि इस योजना की शुरुआत बिहार के पूर्णिया जिले से की जाएगी.नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार गरीबों को राशन पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म करने की तैयारी कर चुकी है. इसके एवज में गरीबों को हर महीने 2600 रुपए दिए जाएंगे. पिछली यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू की थी, जिसके तहत देश के हर गरीब को अनाज मुहैया कराई जाती है. अनाज आवंटन में गड़बड़ी की लगातार शिकायत के बाद सरकार ने अनाज की जगह 2600 रुपए देने की योजना बनाई है.
दावा किया जा रहा है कि इस योजना के तहत घर के मुखिया के खाते में 2600 रुपए हर महीने जमा किए जाएंगे. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ यानी IMF) ने हाल ही में कहा था कि खाने और ईंधन पर सब्सिडी खत्म कर देने के बाद देश के हर नागरिक को साल में 2600 रुपए दिए जा सकेंगे.
केंद्र सरकार के गरीबी के हालिया आंकड़ों पर नजर डालें तो 2600 रुपए महीने पाने वाली योजना में गांव की 75 प्रतिशत आबादी लाभांवित होगी. वहीं शहरी क्षेत्र में इस विधेयक के दायरे में 50 प्रतिशत आबादी आएगी.
फिलहाल जनवितरण प्रणाली के तहत सरकार हर महीने 6 करोड़ 52 लाख बीपीएल परिवारों को न्यूनतम दरों पर गेहूं और चावल मिलते हैं. वहीं एपीएल की श्रेणी वाले 11.5 करोड़ परिवारों को सस्ती दरों पर अनाज देती है.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में कई बार कह चुके हैं कि वे गरीबों को सीधे लाभ पहुंचाना चाहते हैं. इसी को ध्यान में रखकर उज्जवला योजना के तहत गरीब परिवारों को एलपीजी सिलेंडर दिए गए हैं. इसके अलावा जनधन योजना के तरत खोले गए बैंक खाते में सीधे सब्सिडी के पैसे पहुंचाने की बात कह चुके हैं.