पित्तसांद्रव (Cholesterol)
कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए जरूरी तत्व है। ये एक वसा या नरम मोम जैसा पदार्थ होता है, जो लगभग प्रत्येक जीवों तथा मानव शरीर की हर कोशिका में मौजूद होता है। यह तैलीय होता है तथा पानी में अघुलनशील होता है और रक्त के प्रभाव से ये दूसरे अंगों तक पहुंचता है। यह कोशिकाओं की दीवारों और विटामिन-डी के निर्माण में मदद करता है, तथा कई हार्मोनों को नियंत्रित करता है। कुछ तरह के विटामिनों के मेटाबोलिज्म में भी कोलेस्ट्रॉल की भूमिका होती है। 75% से 80% तक कोलेस्ट्रॉल लिवर के जरिए शरीर खुद बनाता है और बाकी भोजन के जरिए शरीर में पहुंचता है।
कोलेस्ट्रॉल मुख्यतः दो तरह के होते है।
1. कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) को खराब माना जाता है
2. उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) को अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कुछ लक्षण निम्नलिखित है:-
1. थकान
2. कमज़ोरी
3. सांस लेने में तकलीफ़
4. अधिक पसीना आना
4. सीने में दर्द
5. बेचैनी-सी महसूस होना
नुक़सानदायक खानपान, शारीरक मेहनत में कमी, धूम्रपान और मोटापा जैसी वजहों से के कारण गुजरते समय और उम्र के साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता जाता है। ये हमारे स्वाथ्य के लिए बहुत हानिकारक है। इससे कई रोग उत्पन्न हो जाते है
बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से सेहत पर असर या नुकसान ;-
1.
कोलेस्ट्रॉल दिल व दिमाग़ की तरफ़ जानेवाली धमनियों को काफ़ी संकरा नहीं कर देता है। इसके परिणामस्वरूप सीने में दर्द होता है।
2. रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाने से पथरी रोग, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और गुर्दे की बीमारी हो सकती है।
3. हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर ये बढ़ते-बढ़ते नसों में उतर आता है, जिससे चलना-फिरना कठिन हो जाता है।
4. हार्ट अटैक, किडनी डिसऑर्डर, थायरॉयड, लकवा जैसे रोग कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से हो सकते हैं।
5. कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियों की वजह से होनेवाली अकाल मृत्यु हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के उपचार ;-
1. तले भूंजे खानपान का सेवन कम कर।
2. शारीरिक मेहनत या कसरत पर ध्यान दे।
3. सूखे मेवों का सेवन करे इससे खराब कोलेस्ट्रॉल में कमी और अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी होती है
4. सोयाबीन, दाले तथा अंकुरित अनाज भी इसमें कारगर साबित होता है।
5. खुश रहने की कोशशि करे।
6. विटामिन सी युक्त फलों का सेवन जरूर करे।
7. मांस खाने से बचे और हरी हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाये।
8. 20 वर्ष के अधिक उम्र के होने के बाद हर 5 साल में कम से कम एक बार कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट जरूर कराए।
9. डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें।
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