नयी दिल्ली : लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच विवाद चरम पर पहुंच चुका है. चीन एक ओर भारत से शांति की बात करने का दावा कर रहा है तो दूसरी ओर सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती भी कर रहा है. भारत भी चीनी साजिशों का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए LAC में मिसाइल और तोपें तैनात कर रहा है. हालांकि LAC में जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच दो दौर की बातचीत भी हो चुकी है. अब खबर आ रही है कि मंगलवार को तीसरे दौर की बातचीत हो सकती है. ANI के हवाले से खबर है कि लद्दाख के चुशुल में मंगलवार सुबह 10:30 बजे कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता का तीसरा दौर होगा. मालूम हो वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी साइड में मोल्दो में पहले दो राउंड की वार्ता हो चुकी है.
इससे पहले भारत ने चीन को आगाह किया है कि बलप्रयोग करके यथास्थिति को बदलने की कोशिश न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति को नुकसान पहुंचाएगी बल्कि इसके परिणाम व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर भी पड़ सकते हैं और बीजिंग को पूर्वी लद्दाख में अपनी गतिविधियों को रोक देना चाहिए.
चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने कहा, पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर मौजूदा सैन्य गतिरोध को सुलझाने का एकमात्र रास्ता है कि चीन मान ले कि बलपूर्वक यथास्थिति को बदलने का प्रयास करना सही तरीका नहीं है.
भारतीय राजदूत ने कहा कि चीनी सेना की गतिविधियों से द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास को काफी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि यह चीनी पक्ष की जिम्मेदारी है कि संबंधों को सावधानीपूर्वक देखा जाए और उनकी दिशा तय की जाए.
चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब देने की सेना को दी गयी छूट
चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को खुली छूट दे दी है कि सीमा पर कोई भी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब दें. पीएम मोदी ने साफ कर दिया की भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन उकसाने पर उचित जवाब भी देना जानता है. चीन के साथ सीमा पर बढ़ते विवाद के बाद रक्षा मंत्री चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना के अध्यक्ष के साथ हाइलेवल बैठक की है. जिसके बाद लद्दाख में भारतीय सेना अपनी गतिविधि तेज कर दी है.
Third round of Corps Commander-level talks scheduled tomorrow at 10:30 am in Chushul in Ladakh. The first two rounds had taken place in Moldo on Chinese side of the Line of Actual Control: Government Sources pic.twitter.com/Jl6yiRdtfC
— ANI (@ANI) June 29, 2020
पूर्वी लद्दाख में चीन को भारी कीमत चुकानी होगी : विशेषज्ञ
रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत के प्रति आक्रामक सैन्य रवैया अपनाने के लिए चीन को दशकों तक भारी कीमत चुकानी पड़ेगी क्योंकि इससे वह देश वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ जायेगा. विशेषज्ञों ने साफ कर दिया है कि पूर्वी लद्दाख और दक्षिण चीन में पिछले कुछ महीनों में चीन के दुस्साहस की उसे व्यापक स्तर पर आर्थिक कीमत चुकानी होगी क्योंकि इसने बीजिंग के असली चेहरे को उस समय बेनकाब किया है, जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है.
दिल्ली सरकार के ILBS अस्पताल में हम शुरू करने जा रहे हैं प्लाज्मा बैंक। कोरोना हो कर ठीक हुए दिल्लीवासियों से मेरी अपील है कि अपना प्लाज्मा दान करें और लोगों की जान बचाने में सहयोग करें pic.twitter.com/GFu8zusFRZ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 29, 2020
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