नई दिल्ली, जेएनएन। स्पॉट फिक्सिंग का आरोप झेल चुके भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत ने फिर से फिक्सिंग के जिन्न को खोल दिया है। उनका कहना है कि इस मामले में कई और खिलाड़ियों के नाम शामिल थे, लेकिन बीसीसीआइ उन्हें बचा रही है।
दैनिक जागरण ने भी कई बार इस बात पर सवाल उठाए थे कि स्पॉट फिक्सिंग की जांच करने वाली जस्टिस मुद्गल समिति ने सुप्रीम कोर्ट में एक बंद लिफाफे में 13 क्रिकेटरों के नाम दिए थे जिनकी जांच होनी थी लेकिन उस पर क्या हुआ ये अब तक किसी को पता नहीं है।
श्रीसंत ने एक साक्षात्कार में कहा कि इस मामले में जिन अन्य खिलाड़ियों के नाम थे, उन्हें बीसीसीआइ ने शह क्यों दे रखी है। स्पॉट फिक्सिंग की जांच करने वाली मुद्गल समिति की रिपोर्ट में करीब 13 और क्रिकेटरों के नाम थे, जिनमें से कई तो अभी भी क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि बीसीसीआइ ने इन नामों को सार्वजनिक ना करने की अपील की थी क्योंकि इससे भारतीय क्रिकेट को नुकसान हो सकता था। बिना किसी वजह के मैं इसमें आरोपी बना और तिहाड़ जेल में रहा। मैं यह नहीं कह रहा कि मुझे उन 13 लोगों के नाम जानने हैं या फिर उनका खुलासा करने जा रहा हूं लेकिन जब दिल्ली पुलिस ने मुझसे पूछताछ की थी तो उसमें कई और लोगों के नाम लिए गए थे। इनमें वह खिलाड़ी भी शामिल हैं जो अलग-अलग देशों के लिए अभी भी क्रिकेट खेल रहे हैं। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि उनका क्या हुआ?
इसके साथ ही श्रीसंत ने कहा कि मैं उनके नामों का खुलासा नहीं करना जा रहा हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि उस दौरान मैंने, मेरे परिवार और मेरे राज्य ने क्या-क्या झेला था। मैं नहीं चाहता कि उस दौर से कोई और गुजरे, जिससे मैं गुजरा था लेकिन मेरा सवाल है कि बीसीसीआइ उनके साथ क्यों खड़ा है और मेरे साथ क्यों नहीं? मुझे जमानत मिलने के बाद मुद्गल समिति का गठन हुआ था। इसके बाद ये नाम सामने आए थे। उनमें से कई खिलाड़ी आइपीएल खेल रहे थे। उन्होंने पिछले साल भी आइपीएल खेला और अभी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। मालूम हो कि बीसीसीआइ ने श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा रखा है, जिसके खिलाफ उन्होंने अदालत का रुख किया था। हालांकि, उन्हें अभी कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है।