नई दिल्ली : अब वह जमाना लद गया जब टेस्ट मैचों को उबाऊ कहा जाता था. पांच दिन का खेल होने के बाद भी नतीजे नहीं आते थे. इस साल के आंकड़े तो कम से कम यही बयां कर रहे है. टेस्ट मैचों के नतीजे के हिसाब से साल 2017 अब तब सबसे असरदार वर्षों में से एक रहा है. इस साल खेले गये 37 टेस्ट मैचों में से 33 यानी लगभग 89 प्रतिशत से ज्यादा मैचों के नतीजे निकले, जिसमें विभिन्न टीमें के बीच खेले गये लगातार 22 मैचों के नतीजे भी शामिल है.
सिर्फ 2017 ही नहीं पिछले कुछ वर्षों में ज्यादातर टेस्ट मैचों के नतीजे निकले हैं. 2014 से अब तब खेले गये 168 टेस्ट मैचों में से 140 के नतीजे निकले हैं. यानी 83 प्रतिशत से ज्यादा टेस्ट मैचों के नतीजे निकले हैं. अब इसे टी-20 दौर का असर कहें या कुछ और इतना जरूर है कि ये नतीजे टेस्ट मैचों के भविष्य के लिये अच्छा है.
आंकड़ों के मुताबिक इस साल फरवरी-मार्च में भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गयी टेस्ट सीरीज के दौरान 25 मार्च से शुरू हुये आखिरी (चौथे) मैच में भारतीय टीम ने मेहमान टीम को हराया था. तब से वेस्टइंडीज जिम्बाब्वे के बीच हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच से पहले तक लगातार 22 मैचों के नतीजे निकले. हालांकि 25 मार्च को ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ न्यूजीलैंड का टेस्ट मैच शुरु हुआ था जो ड्रा रहा था.
इस दौरान अप्रैल-मई में वेस्टइंडीज दौरे पर गयी पाकिस्तान टीम ने तीन मैचों की सीरीज 2-1 से जीती. इंग्लैंड ने चार मैचों की घरेलू सीरीज में दक्षिण अफ्रीका को 3-1 से पटखनी दी. जुलाई में श्रीलंका ने जिम्बाब्वे को सीरीज के एकमात्र टेस्ट में हराया. इस महीने भारतीय टीम भी श्रीलंका दौरे पर गयी जहां श्रृंखला के तीनों मैचों में उसने जीत का परचम लहराया. अगस्त सितंबर के महीने में वेस्टइंडीज इंग्लैंड दौर पर तीन मैचों की सीरीज में 2-1 से हारी. इसी समय बांग्लादेश के दौरे पर आयी ऑस्ट्रेलिया को भी हार का स्वाद चखना पड़ा, हालांकि दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने मेजबानो को हरा कर हिसाब बराबर कर लिया और सीरीज 1-1 से बराबरी पर छूटी.