डीएसी की यह बैठक रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को तत्काल प्रभाव से 300 करोड़ तक के रक्षा खरीद काअधिकार दिया गया.
नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की एक विशेष बैठक बुलाई गई. इस बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि उत्तरी सीमाओं के साथ वर्तमान स्थिति के मद्देनजर भारतीय सशस्त्र बलों को और ज्यादा मजबूती देने की जरूरत है. आपको बता दें कि डीएसी की यह बैठक रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को तत्काल प्रभाव से 300 करोड़ तक के रक्षा खरीद काअधिकार दिया गया.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले से अब सेना को हथियारों की खरीद में लगने वाला समय पहले की तुलना में कम लगेगा. इसके मद्देनजर डीएसी ने सशस्त्र बलों को 300 करोड़ रुपये की राशि को आकस्मिक ऑपरेशनल जरूरतों के लिए दिया है. यह खरीद की समय सीमा को कम करेगा और 6 महीने के भीतर आदेशों की नियुक्ति सुनिश्चित करेगा और एक साल के भीतर वितरण शुरू करेगा.
लद्दाख के दौरे पर जाएंगे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
चीन के साथ जारी मौजूदा तनाव के बीच, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख क्षेत्र का दौरा करेंगे और तनावपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात जवानों से बातचीत करेंगे. राजनाथ 17 जुलाई को दिल्ली से लेह जाएंगे और 15 जून को चीनी पीएलए के सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल हुए जवानों से भी वार्ता करेंगे. इस हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे, लेकिन उनकी वास्तविक संख्या का पता नहीं चला है. सिंह उन अग्रिम चौकियों का भी दौरा करेंगे, जहां भारतीय सैनिक तैनात हैं. उनके साथ थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने भी होंगे.
कूटनीतिक स्तर पर भारत-चीन तनाव कम करने की कोशिश जारी
सिंह ने इससे पहले तीन जून को लेह जाने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्होंने इसे टाल दिया था, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी लद्दाख की अग्रिम स्थलों का दौरा करने चले गए थे.
मौजूदा समय में, भारत और चीन दोनों सीमा क्षेत्रों में सैन्य और कूटनीति स्तर से तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों देश कई स्थानों पर 10 सप्ताह से एक-दूसरे के आमने-सामने रहे हैं. मंगलवार को, दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जवानों के पीछे हटने और हथियार सामग्री को भी पीछे करने के मुद्दे पर 15 घंटे तक वार्ता की. दोनों देशों के बीच बातचीत मंगलवार पूर्वाह्न् 11.30 बजे शुरू हुई और बुधवार को रात दो बजे समाप्त हुई. भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना को पूरी तरह से पेंगांग लेक और देपसांग से हटाने के लिए कहा.
Odisha: Farmers in Ganjam dist who've cultivated brinjal say they're suffering losses as they're unable to sell their product at profitable prices due to #COVID19 situation.A farmer says,"I've not been able to recover my investment &have suffered loss of over Rs 1 lakh." (15.07) pic.twitter.com/CKGN4N5Cqf
— ANI (@ANI) July 16, 2020
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