नई दिल्ली (26 जुलाई): आज 21वां करगिल विजय दिवस है। आज से 21 साल पहले 1999 में दुश्मन ने जम्मू-कश्मीर में करगिल, द्रास, बटालिक की चोटियों पर बुरी निगाह डाली थी। भारत के वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर इन चोटियों की रक्षा की और इसे पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराया। भारतीय सेना के इन सैनिकों के अदम्य साहस और कुर्बानी को याद और नमन करने के लिए देश हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस मनाता है।
On Kargil Vijay Diwas, we remember the courage and determination of our armed forces, who steadfastly protected our nation in 1999. Their valour continues to inspire generations.
Will speak more about this during today’s #MannKiBaat, which begins shortly. #CourageInKargil
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2020
1999 में आज ही के दिन करीब 60 दिनों तक चला कारगिल युद्ध खत्म हुआ था। इस युद्ध में भारतीय सेना के जांबाजों के पराक्रम के आगे पाकिस्तान बुरी तरह पस्त हुआ और भारत को जीत हासिल हुई। कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। 21वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर पूरा देश वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दें रहे हैं। इस मौके पर भारतीय सेना ने अपने जवानों को याद करते हुए कहा है कि करगिल विजय दिवस के रूप में अंकित हुआ 26 जुलाई मई-जुलाई 1999 में देश की गौरवपूर्ण विजय की रोमांचक कहानी है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सशस्त्र बलों के साहस को याद करते हुए शहीदों की श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने रविवार को अपने ट्वीट में लिखा, “कारगिल विजय दिवस पर, हम सशस्त्र बलों के साहस और दृढ़ संकल्प को याद कर रहे हैं, जिन्होंने 1999 में देश की रक्षा की। उनकी बहादुरी और वीरता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेशनल वॉर मेमोरियल जा कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन के साथ CDS बिपिन रावत और तीनों सेना के अध्यक्ष भी मौजूद रहे। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करगिल के वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि करगिल विजय दिवस सचमुच में भारत की अद्भुत सैन्य सेवा परंपरा, अदम्य साहस और बलिदान का उत्सव है। हमारी सशस्त्र सेनाओं के साहस और उनकी देशभक्ति ने ये सुनिश्चित कर दिया है कि भारत सुरक्षित है।
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि करगिल विजय दिवस भारत के स्वाभिमान, अद्भुत पराक्रम और दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है। मैं उन शूरवीरों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से करगिल की दुर्गम पहाड़ियों से दुश्मन को खदेड़ कर वहां पुनः तिरंगा लहराया. मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित भारत के वीरों पर देश को गर्व है।
करगिल विजय दिवस के मौकेल पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कारगिल विजय दिवस पर मैं उन वीरों को नमन करता हूं जो सब कुछ समर्पित करके भी भारत की रक्षा करते हैं। जय हिंद।
आपको बता दें कि 1999 में पाकिस्तानी सेना और उसके आतंकियों ने कारगिल में बर्फीले पहाड़ पर चोरी छुपे कब्जा जमा लिया था। की चोटियां। शत्रु घात लगाए बैठा था। लगभग 1800 फुट ऊपर पहाड़ियों में छिपा दुश्मन भारतीय जांबाजों को रोकने की हर संभव कोशिश कर रहा था। लेकिन हमारे जांबाज प्राणों की परवाह किए बिना बढ़ते रहे। अपनी बहादुरी का परचम दिखाते हुए दुश्मानों को पीठ दिखाकर भागने पर मजबूर कर दिया। कारगिल पर फतह हासिल कर दुनाया को संदेश दिया कि हमसे टकराने वाले मिट्टी में मिल जाएंगे। वर्ष 1999 के उस रण में राजधानी के कई जांबाज शहीद हुए। उन्होंने देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
कारगिल विजय दिवस पर मैं उन वीरों को नमन करता हूँ जो सब कुछ समर्पित करके भी भारत की रक्षा करते हैं।
जय हिंद।#KargilVijayDiwas pic.twitter.com/exz2GC3SnF
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 26, 2020
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