देश-दुनिया में मौजूद करोड़ों रामभक्तों की इच्छा पूरी होने वाली है। श्रीराम की नगरी में राम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण की तैयारी जोरों है। करीब पांच सौ साल में पहली बार ऐसा मौक़ा आया है, जब अयोध्या में सबसे ऐतिहासिक राममंदिर के लिए भूमिपूजन होगा। प्रधानमंत्री मोदी कल राम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण की आधारशिला रखेंगे। रामलला विराजमान से लेकर सरयू तक और हनुमानगढ़ी से लेकर अयोध्या की सीमाओं तक सबकुछ राम के रंग में रंगा हुआ है।
सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं।
भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
मेरा वक्तव्य pic.twitter.com/ZDT1U6gBnb
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 4, 2020
इन सबके बीच अयोध्या में भूमि पूजन से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
प्रियंका गांधी ने अपने बयान में कहा है कि ‘दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है।’ उनके मुताबिक, भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्म, नीति, कर्तव्यपरायणता, त्याग, उदात्तता, प्रेम, पराक्रम और सेवा की प्रेरणा पाती रही है. उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक रामकथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है. श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही रामकथा हरिकथा अनंता है।
साथ ही उन्होंने आगे कहा कि ‘युग-युगांतर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। भगवान राम आश्रय हैं और त्याग भी। राम सबरी के हैं, सुग्रीव के भी। राम वाल्मीकि के हैं और भास के भी। राम कंबन के हैं और एषुत्तच्छन के भी। राम कबीर के हैं, तुलसीदास के हैं, रैदास के हैं। सबके दाता राम हैं।’ प्रियंका ने आगे कहा कि ‘गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सन्मति देने वाले हैं। वारिस अली शाह कहते हैं जो रब है वही राम है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त राम को निर्बल का बल कहते हैं। महाप्राण निराला ‘वह एक और मन रहा राम का जो न थका’ की कालजयी पंक्तियों से भगवान राम को ‘शक्ति की मौलिक कल्पना’ कहते हैं।’
प्रियांका गांधी ने कहा कि राम साहस हैं, राम संगम हैं, राम संयम हैं, राम सहयोगी हैं। राम सबके हैं, राम सबमें हैं। भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं। इसीलिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘आगामी 5 अगस्त, 2020 को रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम रखा गया है। भगवान राम की कृपा से यह कार्यक्रम उनके संदेश को प्रसारित करने वाला राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बने। जय सियाराम।’
ऐसा भव्य और आकर्षक होगा अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर…
जय श्री राम। pic.twitter.com/djKD96QUvB
— BJP (@BJP4India) August 4, 2020
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