कोटा ज्ञानद्वार: उच्च शिक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन

कोटा, 12 अगस्त। कोटा ज्ञानद्वार एज्यूकेषन सोसायटी  एवं ओम कोठारी इन्स्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेन्ट एण्ड रिसर्च, कोटा के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार को आयोजन किया गया। वेबीनार के प्रमुख वक्ता एम.डी.आई. गुरूग्राम के निदेशक डाॅं. पवन कुमार सिंह, ए.आई.सी.टी. के भूतपूर्व अध्यक्ष, आई.आई.टी के भूतपूर्व निदेशक एव बी.पी.यू.टी.के भूतपूर्व कुलपति प्रो. (डाॅ.) दामोदर आचार्य एवं मदरहुड युनिवर्सिटी, रूढकी के फेकल्टी आॅंफ साइन्स के डीन एवम निदेशक प्रो. डाॅं. एस.बी.शर्मा थे। वेबीनार के दौरान  कोटा ज्ञानद्वार एज्युकेशन सोसायटी  की फाउंडर सुश्री अनिता चैहान, ओम कोठारी ग्रुप आॅफ ऐज्युकेशनल इन्स्टीट्यूट्स के निदेषक डाॅ अमित सिंह राठौड,  वीएमओयू, कोटा के भूतपूर्व निदेशक प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा एवं प्रतिभागीगण मौजूद थे।

वेबीनार की शुरूआत करते हुऐ सुश्री अनिता चैहान ने सभी का स्वागत करते हुऐ कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य ‘भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति” बनाना है। यदि  नयी शिक्षा नीति सही तरीके से लागू की गई तो समाज व देेश की तस्वीर बदलना निश्चित है। माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा सामाजिक संस्थाओं, शिक्षा समितियों को आदि का आह्वान कर उन्हें कोविडकाल में विभिन्न वेबिनार, वेबसाइटों ऑनलाइन सेशन आदि के माध्यम से नवीन शिक्षा नीति को जन जन तक पहुंचाने में सहायक बनने को कहा है। कोटा ज्ञानद्वार के ज्ञान आपके द्वार मिशन को वेबिनार के माध्यम से जारी रखा है । उन्होने वेबीनार के प्रमुख वक्ता डाॅ पवन कुमार सिंह का परिचय दिया। डाॅ पवन कुमार सिंह ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समग्र प्रभावो, किस तरह से यह शिक्षा नीति देश में बडे बदलाव की आधारशिला बनेगी बनेगी जैसे महत्वपूर्ण बिन्दूओ पर प्रका डाला। उन्होने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई बढे बदलाव किये गये है। नई शिक्षा नीति के अनुसार उच्च शिक्षा लचीलापन लिये होगी अर्थात विद्यार्थी मनपसन्द विषयों का चुनाव कर सकेगे व परिस्थिति व जरूरत के अनुंसार कोर्स में ऐन्ट्री व एक्जिट कर सकते है। विषयों का चुनाव विद्यार्थी को एक शिक्षा में पारंगत हो के बजाये समग्रता को बढावा देगा। टिचिगं व रिसर्च एक-दूसरे से जुडे है अतः रिसर्च फंडिंग मजबूत कि जायेगी। नई शिक्षा नीति लाइट बट टाइट सिद्धान्त पर आधारित होगी। उन्होने कहा कि नई शिक्षा नीति आत्मरिर्भर भारत अभियान की ओर महत्वपूर्ण कदम होगी। अन्तमें उन्होने कहा कि नई शिक्षा नीति की व्यापकता व सार्थकता को बढाने के लिए स्टेट यूनिवर्सिटीज को सशक्त बनाना चाहिए।

इसके पष्चात प्रोफेसर पवन कुमार शर्मा ने प्रोफेसर (डाॅ.) दामोदर आचार्य का परिचय दिया। वेबीनार के दौरान प्रोफेसर (डाॅ.) दामोदर शर्मा ने वेबीनार के विषय पर सम्बोधित करते हुऐ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नयी शिक्षा नीति के कारण आने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तनो व नयी शिक्षा नीति द्वारा उच्च शिक्षा की दषा व दिशा किस प्रकार निर्धारित होगी जैसे प्रमुख विषय पर मार्गदर्शन दिया। उन्होने प्रजेन्टेशन के माध्यम से नई शिक्षा नीति के द्वारा उच्च शिक्षा के  हर क्षेत्र में जैसे डिग्री स्ट्रक्चर, स्टूडेन्ट फोकस, टीचर फोकस, एडमिशन, इन्टर्नशिप, गर्वनेन्स सभी विषयो को छुआ उन्होने कहा नई शिक्षा नीति में ऐज्यूकेशन रेट को 2018 में जो 26.3 प्रतिशत थी उसे 2035 तक 50 प्रतिषत करने का लक्ष्य लिया गया है।  उन्होने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति में इन्टरप्रिन्योरशिप एवं इनोवेशन को बढावा देकर इसे अधिक व्यवहारिक बनाया जायेगा। उन्होने कहा कि नई शिक्षा नीति मे शिक्षा को वैश्विक स्तर के अनुरूप बनाने पर बल दिया गया है।

इसके बाद डाॅ. अमित सिंह राठौड ने प्रो. (डाॅं.) एस.बी.शर्मा का परिचय दिया । प्रो. (डाॅं.) एस.बी.शर्मा ने वेबीनार विषय के बारे में बताते हुए नयी शिक्षा नीति के तहत बी.एड शिक्षा के मूलभूत ढांचे व शिक्षको की भूमिका पर प्रकाष डाला। उन्होने कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रान्तिकारी कदम है। उन्होने कहा कि आज शिक्षक की प्रतिष्ठा कम हुई है। आज विद्यार्थियों को शिक्षक बनने हेतु प्रेरित करना, उनके सम्मान को बढाना एवं उन्हे अधिक स्वायत्ता देने जैसे उपयो से शिक्षक को  मजबूत किया गया है। उन्होने कहा कि शिक्षक वो बनते है जिन्हे और कही अवसर नही मिलता किन्तु नई शिक्षा नीति द्वारा जिनमें अपने सपनो को सच करने का सामर्थय मथ् है एवं जो समाज में योगदान देने को तैयार है ऐसे विद्यर्थियों को प्रारम्भ से ही शिक्षण हेतु प्रेरित किया गया है। उन्होने टीचर व समाज के जुडाव को बढाने हेतु नई शिक्षा नीति की भुरि-भुरि प्रशंसा की। उन्होने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत ग्रामिण विद्यार्थियों का रूझान बढाने व लोकल एरिया में ऐम्पलोयमेन्ट देने के माध्यम से टीचर का समाज से जुडाव बढेगा।

वी एम ओ यू के डायरेक्टर प्रोफेसर पी के शर्मा ने नई शिक्षा नीति के तहत स्किल डेवलपमेन्ट पर जोर दिया जायेगा व तक्षशिला एवं नालन्दा जैसे मल्टीडिसिप्लिनरी ऐनवायेरमेन्ट में पढाया जायेगा। कुल मिलाकर नई शिक्षा नीति में बी.एड शिक्षा में परिवर्तनों के जरिये ऐकेडमिक ऐप्रोच को प्रेक्टिकल ऐप्रोच की तरफ शिफ़्ट किया जायेगा।

कार्यक्रम के अन्त में डाॅ. अमित सिंह राठौड ने नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षको की पदोन्नति, भर्ती और स्थानान्तरण जैसे विषयों पर विचार व्यक्त किये। डाॅ. राठौड ने बताया कि शिक्षा और शिक्षक एक दूसरे के पूरक है। शिक्षको के उत्थान, कल्याण, गुणवत्ता सुधार एवं उनकी समस्याओं के समाधान के बिना शिक्षा के द्वारा विद्यार्थियों, समाज व देश की स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन की बात करना व्यर्थ है । नयी शिक्षा नीति में पहली बार इन विषयो को छुआ गया है।
इसके पश्चात कार्यक्रम के अन्त में डाॅ. अमित सिंह राठौड ने सभी वक्ताओ एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद  ज्ञापित किया ।   वेबिनार में राजस्थान के अलावा चेन्नई , भोपाल, kolkata, भुवनेश्वर, दिल्ली , चंडीगड़, पुणे,मुम्बई, वड़ोदरा, प्रयागराज आदि से पार्टिसिपेंट्स जुड़े।

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