राजस्थान विधानसभा सत्र के पहले दिन बोलते हुए पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि आज मैं सदन में आया तो देखा कि मेरी सीट पीछे रखी गई है। मैं आखिरी कतार में बैठा हूं। मैं राजस्थान से आता है, जो कि पाकिस्तान बॉर्डर पर है। बॉर्डर पर सबसे मजबूत सिपाही तैनात रहता है। मैं जब तक यहां बैठा हूं, सरकार सुरक्षित है।
आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जी, प्रभारी अविनाश पांडे जी, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जी सहित साथी विधायकों के साथ विधायक दल की बैठक में हिस्सा लिया। राजस्थान की जनता के हित और किए गए वादों के अनुरूप कार्य करने के लिए हम दृढ़ संकल्पित है। pic.twitter.com/BHhfz4Frxt
— Sachin Pilot (@SachinPilot) August 13, 2020
राजस्थान में जारी सियासी दंगल में अब सस्पेंस के हटने का वक्त आ गया है। आज से शुरू हुए राजस्थान के विधानसभा सत्र की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश कर दिया।सत्र से पहले विधायकों को व्हिप जारी कर दिया गया है। विपक्षी बीजेपी भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में थी, लेकिन अशोक गहलोत ने पहले ही चाल चल दी। गहलोत ने दावा किया है कि उनकी सरकार आसानी से बहुमत साबित कर देगी।
गौरतलब है कि करीब महीने भर बाद पहली बार अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी की मुलाकात गुरुवार को उनके आवास पर बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के दौरान हुई। इस मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए कहा कि वे राजस्थान की जनता के हितों में काम करने को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं।
इससे पहले, गहलोत ने विधायक दल की बैठक में विधायकों से पिछले महीने भर में हुई बातों को भूलकर आगे बढ़ने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी विधायकों की शिकायतें दूर होंगी। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी एकजुट है और विधानसभा में एकजुटता से मुकाबला करेगी।
दरअसल, सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच विवाद उस वक्त बढ़ गया जब राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की तरफ से सरकार को अस्थिर करने के मामले में पूछताछ के लिए समन किया गया था। उसके बाद सचिन पायलट दिल्ली में करीब एक महीने तक बैठे रहे। आखिरकार आलाकमान की दखल के बाद पूरा मामला शांत हुआ। सचिन पायलट ने पूरे मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से बात की और अपने मुद्दे रखे।
इसके बाद सोनिया गांधी की तरफ से सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों की शिकायतों को सुनने के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित करने का फैसला किया गया। इसके बाद वापस लौटे सचिन पायलट ने साफतौर पर सीएम गहलोत की तरफ से उन पर की गई बयानबाजी के जवाब में कहा था कि व्यक्ति ईर्ष्या की राजनीति में कोई जगह नहीं है।
I was safe on the seat I used to sit on earlier. Then I thought why have I been allotted a different seat. I saw that this is the border – ruling party on one side, opposition on other. Who is sent to border? The strongest warrior: Sachin Pilot, Congress in #Rajasthan Assembly pic.twitter.com/Sbc1JUwqRK
— ANI (@ANI) August 14, 2020
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