पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि राज्य में उपलब्ध नदी के पानी का आज तक कोई वैज्ञानिक आकलन नहीं किया गया है।
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि राज्य में उपलब्ध नदी के पानी का आज तक कोई वैज्ञानिक आकलन नहीं किया गया है। उन्होंने यह बात सतलुज-यमुना संपर्क(एसवाईएल) नहर मुद्दे को लेकर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई बैठक के दौरान कही। सिंह ने कहा कि पानी की उपलब्धता को लेकर निष्पक्ष निर्णय के लिए एक न्यायाधिकरण का गठन करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इराडी आयोग द्वारा प्रस्तावित पानी का बंटवारा 40 साल पुराना था, जबकि अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार स्थिति का पता लगाने के लिए हर 25 साल में एक समीक्षा की आवश्यकता होती है। सिंह के हवाले से कहा गया है कि राज्य में उपलब्ध नदी के पानी का आज तक कोई वैज्ञानिक आकलन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि चीन के अपने क्षेत्र में बांध बनाने से स्थिति के ‘‘खराब होने की आशंका है।’’
सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे सतलुज में भी पानी की कमी हो जाएगी। सिंह ने पूछा, ‘‘अगर हमारे पास होता तो मैं पानी देने के लिए क्यों राजी नहीं होता?’’ उन्होंने शेखावत से इस सुझाव पर विचार करने का आग्रह किया और यह भी सुझाव दिया कि राजस्थान एसवाईएल नहर/रावी-ब्यास जल मुद्दे पर चर्चा में शामिल हो क्योंकि वह भी एक हितधारक है।
Delhi: Rain lashes parts of the national capital; visuals from Krishi Bhawan. pic.twitter.com/WCOFUd116f
— ANI (@ANI) August 19, 2020
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