नई दिल्ली : क्रिकेट में कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो फैन्स को दशकों तक मोहित करती रहती हैं. कुछ रिकॉर्ड्स सालों साल चलते हैं और कुछ दशकों बाद टूटते हैं. कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स भी हैं जिनका टूटना असंभव सा लगता है. यहां हम ऐसे ही कुछ रिकॉर्ड्स बताने जा रहे हैं जो समय की परिधि से परे अपनी महत्ता बनाए हुए हैं.
1. डॉन ब्रेडमैन का बल्लेबाजी औसत: डॉन ब्रेडमैन को ‘क्रिकेट का डॉन’ कहा जाता है. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट की 80 पारियों में 99.94 की औसत से रन बनाए. उनका फर्स्ट क्लास में भी औसत 95.14 का रहा. टेस्ट मैचों में औसत का उनका रिकॉर्ड दशकों से अपनी जगह खड़ा हुआ है. अभी तक कोई बल्लेबाज उनके रिकॉर्ड के पास भी नहीं पहुंच सका है.
2. मुरलीधरन के 1347 अंतरराष्ट्रीय विकेट: मुथैया मुरलीधरन ने जब श्रीलंका के लिए खेलना शुरू किया तो उनकी उम्र महज 20 साल थी. अपने स्टाइल और बालिंग एक्शन की वजह से वह कई बार विवादों में भी घिरे लेकिन जल्द ही पूरी दुनिया के बल्लेबाज के बीच वह प्रभावशाली साबित होने लगे. लगभग 20 साल के अपने क्रिकेट करियर में मुरली ने 800 टेस्ट विकेट, 534 वन डे विकेट लिए, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. मुरली ने 13 टी-20 विकेट भी हासिल किये. 1347 अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले वह दुनिया के एकमात्र गेंदबाज हैं और अभी कोई दूसरा गेंदबाज उनके रिकॉर्ड के आसपास भी नहीं है.
3. जैक हॉब्स के 61760 रनः जिसे हम सादगी की भाषा में क्रिकेट कहते हैं सर जैक हॉब्स के लिए वह क्रिकेट कुछ और ही था. 20वीं सदी के शुरुआती दौर में मैच लंबे हुआ करते थे, परिस्थितियां कठिन थीं और अंतरराष्ट्रीय शेड्यूल सीमित था. लेकिन जैक हॉब्स ने 834 फर्स्ट क्लास मैच खेले, इनमें सिर्फ 61 टेस्ट मैच हैं. हॉब्स का एकमात्र शौक रन बनाना था. उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 61,760 रन बनाए. उन्हें क्रिकेट लीजेंड के रूप में हमेशा याद किया जाएगा.
4. जिम लेकर की शानदार गेंदबाजी: इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर जिम लेकर ने 1956 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 90 रन देकर 19 विकेट हासिल किए. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इस टेस्ट मैच में लेकर के साथियों ने 123 ओवर डाले और केवल एक विकेट हासिल किया. टेस्ट की एक पारी में 10 विकेट तो लिए गए, लेकिन एक टेस्ट में 19 विकेट लेना एक शानदार रिकॉर्ड है.
5. विलफ्रेड रोड्स के 4204 विकेट: पचास के दशक में विलफ्रेड रोड्स ने अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिस तोड़ना लगभग असंभव है. रोड्स ने अपने क्रिकेट करियर में 4204 फर्स्ट क्लास विकेट लिए.
6. ऑस्ट्रेलिया की लगातार 16 जीतः ऑस्ट्रेलिया ने अपने गोल्डन दिनों में टेस्ट मैचों में जीत का एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया. सबसे पहले स्टीव वॉ के नेतृत्व में 1999-2001 के बीच ऑस्ट्रेलिया ने 16 टेस्ट मैच लगातार जीते. यही रिकॉर्ड आस्ट्रेलिया ने दोबारा बनाया रिकी पोन्टिंग के नेतृत्व में 2005-08 के बीच ऑस्ट्रेलिया ने 16 टेस्ट मैच दोबारा लगातार जीते. आज इस रिकॉर्ड को तोड़ना मुश्किल लगता है.
7. चमिंडा वास की वनडे में शानदार गेंदबाजी: श्रीलंका के बायें हाथ के तेज गेंदबाज चमिंडा वास 2001 में अंतरराष्ट्रीव वन डे मैच में 8 विकेट हासिल किए. किसी वन डे में आठ विकेट लेने वाले वह एकमात्र गेंदबाज है.
8. टेस्ट मैच में गूच के 456 रनः 1990 में इंग्लैंड के कप्तान ग्राहम गूज ने एक टेस्ट मैच में 456 रन बनाकर अद्भुत रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने पहली पारी में 333 और दूसरी पारी में 123 रन बनाए. टेस्ट क्रिकेट में गूच की यह पारियां एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे आधुनिका क्रिकेट में शायद ही कोई तोड़ पाये. खासकर इसलिए भी क्योंकि आज टी20 का जमाना है.
9. फिल सिमंस की इकॉनामी: वन डे में यदि आप 4-5 रन प्रति ओवर की दर से रन देते हैं तो इसे अच्छी गेंदबाजी माना जाता है, लेकिन 1992 में वेस्ट इंडीज के फिल सिमंस ने पाकिस्तान के खिलाव वन डे में 10 ओवरों में केवल 3रन यानी उनका औसत 0.3 रन था. लगातार आक्रामक होते क्रिकेट में इस रिकॉर्ड का टूटना अंसभव है.
10. गेल का टी-20 में सबसे तेज शतक: टी-20 के शुरुआती दौर में, 2004 में ऑस्ट्रेलिया के साइमंड्स ने इंग्लिश काउंटी टीम केंट के लिए खेलते हुए महज 34 गेंदों पर शतक जमा दिया था. यह रिकॉर्ड आईपीएल 2013 तक कायम रहा, लेकिन 2013 के आईपीएल में वेस्ट इंडीज के क्रिस गेल ने रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु की तरफ से खेलते हुए 175 नाबाद रन बनाए. अविश्वसनीय रूप से उनका शतक केवल 30 केंदों पर आया. यह टी-20 का सबसे तेज शतक है. गेल ने इस शतक के साथ टी-20 के ब्रेंडम मैकुलम के 158 नाबाद के अधिकतम स्कोर का रिकॉर्ड भी तोड़ा. पिछले दिनों दक्षिण अफ्रीका के आक्रामक बल्लेबाज डेविड मिलर ने बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 में महज 35 गेंदों में शतक लगाया. उन्होंने रिचर्ड लेवी के 45 गेंदों में शतक का रिकॉर्ड 10 गेंदों से तोड़ा