सेंधा नमक कैसे बनता है तथा सेंधा नमक खाने के क्या-क्या फायदे हैं ?

सेंधा नमक के फायदे और नुकसान –

सेंधा नमक का रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड (sodium chloride) है। इसे आमतौर पर तेलुगू में ‘रती अपपू’, तमिल में ‘इंटुपू’, मलयालम में ‘कल्लू अपपू’, कन्नड़ में ‘कल्लुपू’, ‘शेंडे लोन’ मराठी में, गुजराती में ‘सिंधलुन’ और बंगाली में ‘साइनधाव लावन’ कहा जाता है। सेंधा नमक अधिकतर रंगहीन या सफ़ेद होता है, हालांकि इसमें मौजूद अशुद्धियों के कारण यह हल्के नीले, गहरे नीले, लाल, नारंगी या पीले रंग का भी हो सकता है।

सेंधा नमक (rock salt) सभी नमक के प्रकारों में सबसे अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इसे दैनिक उपयोग में लेने की सलाह दी जाती है। यह आम नमक से अपने गुणों, उपयोग और स्वास्थ्य लाभ के कारण काफी अलग है।

इसे संस्कृत में सैंधवा, शीतशिवा (क्योंकि यह प्रकृति में शीतल है), सिंधुजा (क्योंकि यह पंजाब के सिंध क्षेत्र में पाया जाता है), नादेया (क्योंकि यह नदियों के किनारे में पाया जाता है) भी कहा जाता है।

सेंधा नमक की तासीर –

सेंधा नमक की तासीर ठंडी होती है। यह शरीर की गर्मी को दूर करने में सहायता करता है। सेंधा नमक की तासीर ठंडी होने की वजह से यह पित्त दोष को दूर करता है।

सेंधा नमक खाने का सही तरीका –

आयोडीनयुक्त नमक की तरह, सेंधा नमक का भी उपयोग खाना पकाने के लिए किया जा सकता है। अपने स्वाद के अनुसार सेंधा नमक को खाने में मिलायें। सेंधा नमक को शुद्ध माना जाता है इसलिए इसका उपयोग अनेक धार्मिक क्रियाओं के दौरान खाना पकाने के लिए किया जाता है।

सेंधा नमक के प्रकार –

यह पंजाब की खानों से उपलब्ध है। यह दो किस्मों का होता है –

  1. श्वेत सैंधवा – (सफेद रंग का सेंधा नमक)
  2. रक्त सैंधवा – (लाल रंग का सेंधा नमक)

इनमें से किसी को भी सेंधा नमक कहा जा सकता है। दोनों स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं और आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल होते हैं।

अन्य सभी प्रकार के सेंधा नमक (हल्के या गहरे नीले, गुलाबी, बैंगनी या लाल, भूरे, काले, नारंगी और पीले रंग वाले सेंधा नमक) सबसे अच्छे प्रकार के सेंधा नमक नहीं माने जाते हैं। काला नमक भी सेंधा नमक का ही एक प्रकार है, जिसमें सोडियम क्लोराइड के अलावा सल्फर सामग्री भी शामिल है। आयुर्वेद के अनुसार, यह सफेद सेंधा नमक के बाद भोजन में प्रयोग करने के लिए दूसरा सबसे अच्छा नमक है।

सेंधा नमक की सामग्री –

सेंधा नमक में सोडियम क्लोराइड सबसे प्रमुख (98%) घटक है। इसमें कई उपयोगी खनिज और तत्व शामिल हैं। इसमें आयोडीन, लिथियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, क्रोमियम, मैंगनीज,आयरन, जस्ता, स्ट्रोंटियम, आदि भी शामिल हैं। इसे इतना शुद्ध माना जाता है कि व्रत के समय भी इस्तेमाल किया जाता है।

सेंधा नमक का त्रिदोष पर प्रभाव –

  • नमक का स्वाद आमतौर पर पित्त दोष को बढ़ाता है, लेकिन सेंधा नमक, शक्ति में ठंडा होने के कारण पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करता है।
  • अपने नमक स्वाद के कारण, यह वात को संतुलित करता है।
  • यह बलगम जमा होने के कारण छाती में रक्त संचय से आराम देता है, क्योंकि यह कफ दोष से भी राहत देता है।
  • इसलिए यह दुर्लभ आयुर्वेदिक पदार्थों में से एक है जो तीनों दोषों को संतुलित करता है।

सेंधा नमक के गुण –

सेंधा नमक का फायदा मसूड़ों के लिए – मसूड़ों से खून आना वास्तव में दर्दनाक और शर्मनाक हो सकता है। 1 चम्मच सेंधा नमक, त्रिफला पाउडर और नीम पाउडर को मिलाएं और इसका मिश्रण बनाएं। मसूड़ों की मसाज करने के लिए इस मिश्रण का चुटकी भर उपयोग ही करें और फिर पानी के साथ कुल्ला कर लें।

सेंधा नमक का फायदा नींद के लिए –

विशेषज्ञों के अनुसार, दिन में 8 घंटे से भी कम समय तक सोना आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। पूरे दिन की थकावट से आराम पाने के लिए हमारे शरीर को कम से कम 8 घंटे की नींद चाहिए होती है। सेंधा नमक मेलाटोनिन (melatonin) के स्तर और हमारे नींद चक्र को नियंत्रित बनाए रखता है।

सेंधा नमक के फायदे पाचन समस्याओं के लिए –

सेंधा नमक पेट दर्द से छुटकारा पाने का एक प्राकृतिक तरीका है यह पाचन में भी सुधार करता है। यह एक रेचक के रूप में पाचन विकार के लिए उपयोग किया जाता है। यह भूख में सुधार करता है, आंतों और पेट से गैस निकालता है, ऐंठन को दूर करता है। सेंधा नमक पेट में एसिड के उत्पादन को कम करता है और इस तरह सीने की जलन को रोकता है। आयुर्वेद के अनुसार, सेंधा नमक काली मिर्च, अदरक, लंबी काली मिर्च और दालचीनी के साथ प्रयोग करने से भूख में सुधार आता है। आप थोड़े से सेंधा नमक और ताजा पुदीने के पत्तों को लस्सी में मिलाएं और इसका लाभ प्राप्त करें।

सेंधा नमक के गुण गैस्ट्राइटिस के लिए –

सेंधा नमक को व्यापक रूप से हिंगवस्तक चूर्ण जैसी कई तरह की पेट की देखभाल के लिए उपयोगी उत्पादों में घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह बिना पेट में जलन या गैस्ट्राइटिस को बिगाड़े पाचन में सुधार लाता है।

सेंधा नमक के फायदे वज़न घटाने में –

आयुर्वेद के अनुसार, सेंधा नमक वसा को जलाता है। यह शरीर में चयापचय को बेहतर बनाता है और खाने की तृष्णा को रोकता है। सेंधा नमक का वसा जलाने का प्रभाव इसमें मौजूद खनिजों के कारण है। हालांकि, वसा को नष्ट करने पर इसका प्रभाव ज़्यादा नहीं है, लेकिन आप वज़न घटाने में सहायक चिकित्सा के रूप में इसका उपयोग कर सकते हैं। यह मृत वसा कोशिकाओं को भी शारीर से हटाने में मदद करता है।

सेंधा नमक का फायदा कीड़ों को नष्ट करने के लिए –

सेंधा नमक पेट के कीड़ों को नष्ट करने में भी मदद करता है।नींबू के रस के साथ सेंधा नमक लेने से पेट के कीड़े नष्ट होते हैं और उल्टी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

सेंधा नमक का लाभ जोड़ों की कठोरता में –

जोड़ों में कठोरता उत्पन्न होने पर उपयोग किए जाने वाले दवा और तेल दोनों में सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है। इस तरह के विकारों में डॉक्टर द्वारा निर्धारित तेल लगाने के बाद उसे 10-15 मिनट तक छोड़ दें। फिर के सूती कपड़े में एक कप सेंधा नमक लें और उसकी पोटली बना कर उसे आग पर गर्म करें। जब आपकी त्वचा उस पोटली की गर्माहट सहने योग हो तब उससे प्रभावित जगह पर 4-5 मिनट के लिए सेकें। ऐसे करने से कुछ दिनों में आपको जोड़ों में कठोरता से आराम मिल जायेगा।

सेंधा नमक का मांसपेशियों के ऐंठन में लाभ –

सेंधा नमक का सबसे अद्भभुत लाभ यह है कि यह मांसपेशियों में ऐंठन को दूर करने में मदद करता है।मांसपेशियों में ऐंठन होने पर एक गिलास पानी में एक चम्मच सेंधा नमक मिलाकर पिने से कुछ ही मिनटों के भीतर आपको मांसपेशियों में ऐंठन राहत मिलने लगता है।

सेंधा नमक का उपयोग सांस की बीमारियों के लिए –

क्योंकि यह थूक को निष्कासित करने में मदद करता है, यह सांस की बीमारियों के मामले में उपयोगी है।

सेंधा नमक का उपयोग बस्ती में –

बस्ती पंचकर्म की एक एनीमा प्रक्रिया है। बस्ती तरल तैयार करते समय, सेंधा नमक को डाला जाता है। यह आंतों से दोषों को भंग करने और निष्कासित करने में मदद करता है।

सेंधा नमक का उपयोग भोजन में –

सेंधा नमक मसाला पुरी, पानी पुरी जैसे कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में प्रयोग किया जाता है। कई घरों में सेंधा नमक का उपयोग, आम नमक के स्थान पर, मुख्य नमक के रूप में किया जाता है।

सेंधा नमक का लाभ त्वचा के लिए –

सेंधा नमक शरीर क़ो साफ़ करने के लिए एक स्क्रब के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मृत त्वचा को हटाता है और त्वचा की चमक को बढ़ाता है। इससे पैर और हाथ रगड़ने से त्वचा साफ होती है।

सेंधा नमक का गुण गले के लिए –

गुनगुने पानी में सेंधा नमक मिलाकर गरारे करने से गले में दर्द, गले में सूजन, सूखी खांसी और टॉन्सिल में मदद मिलती है।

सेंधा नमक का लाभ दाँतों के लिए –

सेंधा नमक बुरी सांस, एक दाँत व्हाइटनर या मुँह फ्रेशनर के उपाय के रूप में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।

सेंधा नमक का उपयोग शरीर और मन को आराम देने के लिए –

यह एक तेज़ तंत्रिका उत्तेजक है, शरीर और मन को आराम देता है। एस्पिरिन की तरह काफी हद तक सांस, संचार और तंत्रिका तंत्र को बेहतर बनाता है।

सेंधा नमक का लाभ लो ब्लड प्रेशर के लिए –

हर कोई जानता है कि नमक रक्तचाप को बढ़ाने में मदद करता है। आप भी इस उद्देश्य के लिए सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं। कम रक्तचाप में, आप एक गिलास पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक मिला सकते हैं। आप इसे एक दिन में दो बार पी सकते हैं।

सेंधा नमक के नुकसान –

यह हाई बीपी, शोथ (edema) से पीड़ित लोगों को नहीं लेना चाहिए। बहुत अधिक मात्रा में लेने से यह ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है।

इस नमक में आयोडीन की मात्रा काफ़ी कम होती है। लेकिन आवश्यक खनिजों की उपयुक्त राशि होने के कारण इसे नियमित रूप से खाने की सलाह दी जाती है। आयोडीन की मात्रा कम होने के कारण अधिकतम स्वास्थ्य लाभ के लिए सेंधा नमक को आयोडीन युक्त नमक के साथ मिश्रित करने का सुझाव दिया जाता है। आप बराबर अनुपात में दोनों नमक को मिश्रित कर खाना बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे  और शेयर करें

आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें यूट्यूब और   पर फॉलो लाइक करें

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts