भारत के लोग आंवले के महत्व को क्यों नहीं समझते?

आंवले में सारे रोगों को दूर करने की शक्ति होती है। आंवले में विटामिन ‘सी’ अधिक मात्रा में होता है। मनुष्य को प्रतिदिन 50 मिलीग्राम विटामिन ‘सी’ की जरूरत होती है जो 1.6 औंस आंवले के रस में मिल जाता है।

आंवला युवकों को यौवन प्रदान करता है और बूढ़ों को युवा जैसी शक्ति।

गर्मियों में चक्कर आते हों, जी घबराता हो तो आंवले का शर्बत पीयें। दिल धड़कता हो तो आंवले का मुरब्बा खायें। आंवले का मुरब्बा ताकत देने वाला होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी है।

मस्तिष्क, हृदय की बेचैनी, धड़कन और ब्लडप्रेशर में आंवला लाभकारी है।

आंवला शक्ति और स्वास्थ्यवर्धक है। वीर्य की निर्बलता इससे दूर होती है।

गर्मी में आंवले का शर्बत पीने से बार-बार प्यास नहीं लगती तथा गर्मी के रोगों से बचाव होता है।

बच्चों का हकलाना, तुतलाना आंवला चबाने से ठीक हो जाता है। जीभ पतली होकर बोली साफ आने लगती है।

एक आंवला का मुरब्बा रोजाना कुछ दिन खाने से स्वप्नदोष ठीक हो जाता है।

आंवला चूर्ण एक चम्मच की मात्रा सुबह-शाम छाछ के साथ लेने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।

आंवले का रस आधा कप और इसमें इतना ही पानी मिलाकर कुछ दिन पीने से मधुमेह में लाभ होता है।

रात को एक चम्मच आंवला चूर्ण पानी के साथ लेने से दस्त साफ आता है और कब्ज नहीं रहती। आंतें तथा पेट साफ होता है।

खाना खाने के बाद एक चम्मच आंवले के चूर्ण की फंकी लेने से पाचनशक्ति बढ़ती है और मल बंधकर आता है।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए रोजाना सुबह के समय आंवले का मुरब्बा खायें।

आंवले के रोजाना सेवन करने से आंखों की दृष्टि बढ़ती है। आधा चम्मच आंवला चूर्ण को पानी में भिगो दें। सुबह के समय इस पानी को छानकर आंखें धोयें। इससे आंखों के सब रोग दूर होते हैं और दृष्टि बढ़ती है।

कटे हुए स्थान पर आंवले का ताजा रस लगाने से रक्तस्राव बंद हो जाता है।

आधा भोजन करने के बाद हरे आंवलों का रस 35 ग्राम पानी में मिलाकर पी लें, फिर आधा भोजन करें। इस प्रकार 21 दिन सेवन करने से हृदय तथा मस्तिष्क सम्बन्धी रोग दूर होकर स्वास्थ्य में सुधार आता है।

आंवला चूर्ण रोजाना गाय के दूध के साथ लेने से हृदय के सारे रोग दूर हो जाते हैं। आंवले का मुरब्बा रोजाना दूध के साथ सेवन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और किसी प्रकार के हृदय-विकार नहीं होते।

गर्भावस्था में उल्टी होती हो तो आंवले का मुरब्बा सुबह-शाम सेवन करें। इससे उल्टी आना बंद हो जाती है।

खसरा निकलने के बाद शरीर में जलन, खुजली हो तो आंवले के चूर्ण को पानी में उबालकर ठंडा होने पर इससे रोजाना शरीर धोने से खुजली और जलन मिट जाती है।

मेहंदी और आंवले के चूर्ण को पानी में मिलाकर बालों पर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।

आंवला पाउडर को उबटन की तरह मलने से चर्म साफ और मुलायम रहती है तथा चर्म रोग नहीं होते।

आंखों आगे अंधेरा आता हो तो आंवले के रस में पानी मिलाकर पीने से यह ठीक हो जाता है।

आंवले का मुरब्बा रोजाना सुबह के समय सेवन करने से उच्च रक्तचाप ठीक हो जाता है।

इसलिए दोस्तों अगर आप अच्छा स्वास्थ्य पाना चाहते हैं तो आंवले का सेवन किसी भी रूप में रोजाना करें।

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