जड़ी-बूटियां और मसाले जो आम सर्दी जुकाम-और कोरोना में भी है लाभदायक

कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ने के लिए भारत आयुष मंत्रालय (Ayush Mantralaya) ने भी औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियों (Herbs) और मसालों (Spices) के काढ़े को पीने की सलाह दी है. जबकि, आयुर्वेद (Ayurveda) में इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में पहले से ही वर्णन है. ऐसे में आइये जानते हैं प्रतिदिन रसोई में उपयोग में लाए जाने वाले दालचीनी (Cinnamon), पुदीना (Peppermint), हल्दी (Turmeric), तुलसी (Basil), लाल मिर्च (Cayenne Pepper), अदरक (Ginger), मेथी (Fenugreek) और लहसुन (Garlic) में पाए जाने वाले विभिन्न स्वास्थ्य लाभ के बारे में…

7 जड़ी-बूटियां और मसाले जिनके है विभिन्न स्वास्थ्य लाभ

दालचीनी (Cinnamon) : दालचीनी में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट गुण पाये जाते हैं. यह शरीर के सूजन को कम करने, रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में भी सहायक है. आमतौर पर प्रति दिन एक व्यक्ति को दालचीनी की 0.5-2 चम्मच या 1-6 ग्राम ही सेवन करना चाहिए.

पुदिना या पेपरमिंट (Peppermint) : पेपरमिंट ऑयल, आईबीएस (irritable bowel syndrome) के दर्द को कम करने में सहायक है. यह मल त्याग के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिलाता है. साथ ही साथ यह पेट के फूलने की समस्या को कम करने और पाचन क्रिया को सुधारने में भी उपयोगी है. साथ ही साथ पुदीना से मतली जैसी समस्या से भी मीनटों में छुटकारा मिलता है.

हल्दी (Turmeric) : हल्दी को आमतौर पर लोग सब्जी में रंग देने वाले पदार्थ के रूप में जानते थे. लेकिन, कोरोना वायरस के दौरान इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभों की चर्चा हुई है. दरअसल, इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसमें मौजूद शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट गुण जो एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम को बढ़ाने में मदद करता है. इसके अलावा शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने, मस्तिष्क विकास, अल्जाइमर से लड़ने, गठिया, हृदय रोग और कैंसर जैसे बीमारियों में भी लाभदायक है.

तुलसी (Basil) : देश में तुलसी को पवित्र जड़ी बूटी माना जाता है. कई अध्ययन बताते हैं कि पवित्र तुलसी बैक्टीरिया, यीस्ट और मोल्ड्स के विकास को रोकती है. एक और अध्ययन में पाया गया है कि हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है. भोजन से पहले और बाद में तुलसी का सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है. यह चिंता और अवसाद को कम करने में कारगार उपाय है.

केयेन पीपर (लाल मिर्च) (Cayenne Pepper) : लाल मिर्च में कैपसाइसिन होता है, जो भूख को कम करने और कैंसर रोधी गुणों को बढ़ाने में मदद करता है. इसे केयेन पीपर भी कहा जाता है. आमतौर रसोई में इसका उपयोग मसालेदार व्यंजन तैयार करने के लिए किया जाता है.

एक अध्ययन में पाया गया है कि भोजन में 1 ग्राम लाल मिर्च जोड़ने से भूख तो कम होती ही है साथ ही साथ फैट बर्न करके यह वजन घटाने में भी लाभदायक है. हालांकि, इस दौरान उन लोगों में कोई प्रभाव नहीं पड़ा, जो मसालेदार भोजन खाने के आदी थे. इसके अलावा ये फेफड़े, लीवर और प्रोस्टेट कैंसर के रोकथाम में भी उपयोगी है.

अदरक (Ginger) : अदरक को कई रोगों में कई तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है. एक अध्ययन के मुताबिक प्रतिदिन 1 ग्राम अदरक का सेवन करने से मतली का इलाज संभव है. अदरक में पाए जाने वाले सूजनरोधी गुण के कारण दर्द को रोकने में सहायक है इसके अलावा, किमोथेरेपी, मॉर्निंग सिकनेस आदि रोगों में भी सहायक है. एक और शोधों में पाया गया कि अदरक, दालचीनी, मस्टी और तिल के तेल के मिश्रण से ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को दर्द से काफी राहत मिलती है.

मेथी (Fenugreek) : आम तौर पर मेथी का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है. यह कामेच्छा और पुरुषत्व को बढ़ाने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन के स्तर पर भी प्रभावी. मेथी रक्त शर्करा को कंट्रोल करने में लाभकारी उपाय है. इसमें प्लांट प्रोटीन 4-हाइड्रॉक्सीसोल्यूसीन की मात्रा पायी जाती है, जो हार्मोन इंसुलिन के कार्य में सुधार कर सकता है. कई अध्ययनों से पता चला है कि प्रति दिन कम से कम 1 ग्राम मेथी खाने से रक्त शर्करा के स्तर को कम किया जा सकता है. विशेष रूप से मधुमेह रोगियों के लिए बेहद लाभकारी है.

लहसुन (Garlic) : लहसुन सिकनेस को ठीक करने के साथ-साथ और हृदय स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी जरूरी है. इसमें एलिसिन नामक गुण पाये जाते हैं. यह आम सर्दी-जुकाम सहित संक्रामक रोगों से लड़ने में लाभकारी है. यह उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए बेहद लाभकारी है. प्रतिदिन लहसुन की दो खुराक कोलेस्ट्रॉल को लगभग 10-15 प्रतिशत कम करने में लाभदायक है.

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