ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से हार्ट ब्लोकेज का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन हमेशा कोलेस्ट्रॉल के कारण ऐसा नहीं होता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है – अच्छा कोलेस्ट्रॉल और बेकार कोलेस्ट्रॉल। शरीर को विटामिन डी पैदा करने में, कोशिका झिल्ली के निर्माण में और फैट को अवशोषित करने वाले एसिड का निर्माण करने में कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है।
आयुर्वेद के अनुसार ज्यादा तनाव, खाने पर ध्यान नहीं देना, व्यायाम नहीं करना आदि कारणों से शरीर में ए एम ए (टॉक्सिन) इकट्ठा हो जाता है। यह ए एन ए धमनियों में जाकर उन्हें ब्लॉक करता है। आपके शरीर से इस ए एन ए को साफ करने के लिए आयुर्वेद में कुछ उपाय सुझाए गए हैं जिससे की आपका हार्ट सही तरह काम करता रहे।
इसके लिए आयुर्वेद में प्राकृतिक औषधियों के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया गया है। ये आयुर्वेदिक औषधियाँ धमनियों से ए एन ए को हटाती है और रक्त के संचार को सही करती हैं। लौकी का जूस और अर्जुन की छाल, दूर करे हार्ट ब्लॉकेज इसलिए यदि आप एलोपैथिक दवाइयाँ लेने की सोच रहे हैं तो हम आपको आयुर्वेदिक दवाइयों के सेवन की सलाह देंगे जिनका कोई साइड इफैक्ट नहीं है। आज, इस आर्टिकल में हम आपको हार्ट ब्लोकेज को दूर करने वाली 7 आयुर्वेदिक औषधियाँ बता रहे हैं।
अर्जुन वृक्ष की छाल हार्ट से जुड़ी बीमारियों जैसे कि हाइ कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, आर्टरी में ब्लोकेज और कोरोनरी आर्टरी डीजीज के इलाज में यह कारगर है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियमित रखता है और दिल को मजबूत करता है। बेकार कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में इस औषधि का इस्तेमाल होता है। आयुर्वेद के अनुसार इसका इस्तेमाल हार्ट ब्लोकेज में किया जा सकता है। इसकी छाल में प्राकृतिक ओक्सिडाइजिंग तत्व होते हैं।
दालचीनी हार्ट ब्लोकेज में काम आने वाली यह एक बढ़िया औषधि है। यह बेकार कोलेस्ट्रॉल को शरीर से कम करती है और हार्ट को मजबूती प्रदान करती है, इसमें भी ओक्सिडाइजिंग तत्व होते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से सांस की तकलीफ दूर होती ही और दिल की बीमारियाँ कम होती हैं।
अलसी के बीज फ्लक्स सीड्स यानि कि अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अधिकता होती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से ए एम ए कम होता है और दिल स्वस्थ रहता है।
लहसुन लहसुन में विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का गुण होता है, जिससे यह हार्ट को सुरक्षा प्रदान करता है।
इलायची इलायची को यूही “मसालों की रानी” नहीं कहा जाता है, यह हर डिश का स्वाद बढ़ा सकती है। इसका स्वाद और सुगंध आपको एक खास अहसास करवाता है। आयुर्वेद में इसे दिल के इलाज में कम आने वाली औषधि बताया गया है।
लाल मिर्च का पाउडर खाने में काम आने के अलावा लाल मिर्च के स्वास्थ्य से संबन्धित भी कई फायदे हैं। इसकी सही मात्रा के इस्तेमाल से रुधिर कोशिकाओं से गंदगी हटती है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
अश्वगंधा यह औषधि भी दिल की बीमारियों के इलाज में कारगर सिद्ध है। इस प्राकृतिक औषधि में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इन्फ़्लामेट्री, एंटी-ट्यूमर, हेमोपोइथिक और रिजुवनेशन तत्व होते हैं। यह तनाव को दूर करने में मददगार है। इससे दिल को कोशिकाओं को मजबूती मिलती है और दिल की बीमारियाँ दूर रहती है।
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