नई दिल्‍ली: भारत और चीन के बीच-10,000 जवान किए तैनात-चीन ने चुशुल में बढ़ाया तनाव

नई दिल्‍ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन कोई बात बनती नजर नहीं आ रही है। जबकि चीन ने नई चालबाजी दिखाते हुए चुशुल को एक नया विवादित क्षेत्र बना दिया है। भारत और चीन की सेना यहां पर लंबे चलने वाले तनाव के लिए खुद को तैयार कर रही है। रूस में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद यह चीन की तरफ से इस हरकत को अंजाम दिया जा रहा है।

चीनी पंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर घुसने की कोशिश करने में लगे हुए थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने करारा जवाब देते हुए उनको यहां से वापस भगाया और चो‍टी पर कब्‍जा कर लिया। मीडिया के अनुसार, दोनों ओर से भारी तोपखाने और कवच वाले वाहनों के साथ अधिक सैनिकों की तैनाती की जारी है, जहां पर स्थिति बहुत तनावपूर्ण है।

रिपोर्ट बताती है कि लगभग 10,000 चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की टुकड़ियां वर्तमान में स्पैंगुर गैप, रेचिन पास और पंगोंग त्सो झील के दक्षिणी तट पर मौजूद हैं। कहा जाता है कि स्थिति बहुत तनावपूर्ण है और दोनों ओर की सेनाएं खतरनाक निकटता पर हैं। गलवान की घटना के बाद यह यह सबसे खराब स्थिति है।

चीनी सैनिकों ने अपने हल्के पैदल सैनिकों को यहां तैनात नए सैनिकों की तैनाती की है। सूत्र बताते हैं कि दोनों ओर की सेनाएं एक-दूसरे से सिर्फ 800 मीटर की दूरी पर हैं। यहां दोनों पक्ष एक-दूसरे के छोटे हथियारों की फायरिंग रेंज में है। इसके अलावा 3 महीने पहले गतिरोध शुरू होने के बाद भारी हथियारों से लैस हैं। अगर आगे भी हालात बिगड़े तो चीनी पक्ष को भारी नुकसान हो सकता है।

भारतीय सैनिकों ने कहा कि पैंगोंग त्सो के दक्षिणी बैंक में इस क्षेत्र में उसके पास कई कब्‍जे वाले स्थान हैं। जबकि उत्तरी दिशा में चीनी उपकरण पैंगोंग त्सो की टोल फिंगर 4 में घुसपैठ करते हैं। जिसे विवादित क्षेत्र माना जाता है और दोनों देशों द्वारा दावा किया जाता है। लेकिन चीनी ने इन स्थानों पर घुसपैठ की और एकतरफा तौर पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। इस पूरे गतिरोध और आगे बढ़ने की शुरुआत किससे हुई है?

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