पिछले साढ़े तीन महीनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध के बीच सोमवार को दोनों देशों के सैनिकों के बीच फायरिंग की खबरें आ रही हैं। चीनी सेना ने दावा किया है कि पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करते हुए फायरिंग की है। हालांकि, भारतीय सेना या भारत सरकार की ओर से चीन के दावे पर अभी कोई बयान नहीं आया है। चीनी सेना की ओ से जारी बयान में उसके सैनिकों के हताहत होने का जिक्र नहीं है।
वैसे, यह पहला मौका है जब चीन ने दावा किया है कि भारतीय सेना ने फायरिंग की है। अगर चीन का दावा सच है तो 1975 के बाद पहली बार दोनों देशों की सेना के बीच एलएसी पर फायरिंग हुई है। 15 जून की रात को गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बावजूद भी दोनों सैनिकों की ओर से फायरिंग नहीं हुई थी। भारत लगातार जोर देकर कहता रहा है कि उसकी सेना ने एलएसी का उल्लंघन नहीं किया है और मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति पैंगॉन्ग झील के आसपास के इलाकों में चीन सेना की उकसाने वाली सैन्य कार्रवाई को लेकर है।
चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के ट्विटर हैंडल पर वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है, “भारतीय सेना ने एकबार फिर गैर-कानूनी रूप से शेनपाओ की पहाड़ियों में पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट के पास सोमवार को एलएसी का उल्लंघन किया।” ग्लोबल टाइम्स के एक दूसरे ट्वीट में प्रवक्ता के हवाले से कहा, “भारतीय सैनिकों द्वारा पीएलए के सीमा गश्ती दल के सैनिकों पर चेतावनी भरी फायरिंग करने के बाद चीनी सैनिकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
चीन ने यह दावा ऐसे समय में किया है जब इस सप्ताह दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात 10 सितंबर को मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक में होने वाली है। इस बैठक के लिए रवाना होने से एक दिन पहले सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन के संबंध सीमाओं पर अशांति से सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने साफ किया है कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सीमा विवाद से अलग करके नहीं देखा जा सकता।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले कुछ महीनों से तनाव बना हुआ है। 29 और 30 अगस्त की रात भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर पहाड़ों की चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही चीनी सेना को न केवल रोका बल्कि पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर चोटियों पर पोजिशन भी ले ली है। पैंगॉन्ग झील इलाके की बनावट ऐसी है कि जो भी सेना दक्षिणी किनारे के पास के इन पहाड़ों की चोटियों पर कब्जा कर लेती है, उसे पूरे इलाके में बढ़त मिल जाएगी।
इस वर्ष 15-16 जून की रात को एलएसी पर ड्रैगन के सैनिकों ने यथास्थित बदलने का प्रयास किया और लोहे की रॉड में कंटीले तार लगाकर गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर अचानक हमला कर दिया था। चीनी सेना की इस नापाक हरकत से भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए जवाबी कार्रवाई में चीन के 43 सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई थी। चीन ने यह तो माना था कि उसके भी सैनिक हतातहत हुए लेकिन उसने संख्या की पुष्टि कभी नहीं की। इसके बाद से ही एलएसी पर तनाव की स्थिति है।
Indian Army again illegally crossed the Line of Actual Control in Shenpao mountain near the south bank of Pangong Tso Lake on Monday, PLA Western Theater Command spokesperson said: China govt owned Global Times https://t.co/nz4sQ3OlsC
— ANI (@ANI) September 8, 2020
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