नई दिल्ली: पाकिस्तानियों को अपने जाल में फंसाने के लिए चीन तरह-तरह के साजिश भी रच रहा है। ऐसे ही एक साजिश का नाम है पाकिस्तानी दुल्हन। अमीर दूल्हा पाने की लालच में पाकिस्तान की लड़कियां बड़ी आसानी से पहुंच चीन जाती है। गरीब पाकिस्तानी परिवार अमीर दामाद पाने के चक्कर में सबकुछ भूल जाता है।
शादी कर चीन पहुंची इन लड़कियों के साथ किसी वहशी के जैसा व्यवहार किया जाता है। इन्हें मारा-पीटा जाता है, भूखा रखा जाता है यानी इन लड़कियों के साथ हर वो जुल्म किया जाता है, जब तक वह देह व्यापार के लिए हामी ना भर दें। पाकिस्तान में ऐसी सैकड़ों लड़कियां हैं, जो चीनी चाल में फंसकर सबकुछ गंवा बैठी हैं। दुल्हन के जोड़े में घर से चीन के लिए निकलीं, लेकिन जब चीन पहुंची तो वहां उन्हें कहीं ऐसी जगह भेज दिया जाता है, जहां सिर्फ जिस्मफरोशी की दलदल है।
पाकिस्तान में ये रैकेट इस तरह से चल रहा है कि चीनी पुरुष ना सिर्फ ब्रोकर बल्कि ईसाई पादरी और मुस्लिम मौलाना की मदद से भी गरीब लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं। ऐसे परिवार अपनी बेटियों के बदले में पैसे भी लेते हैं। परिवार वालों को लगता है कि उनका दामाद एक अमीर इंसान है और यही झांसा पाकिस्तानी दुल्हनों पर भारी पड़ जाता है। सुहाने मुस्तकबिल का सपना लेकर चीन गई कई लड़कियां लौट कर पाकिस्तान आई और उन्होंने जो कुछ बताया वो चौंकाने वाला था कि आखिर कैसे पाकिस्तान का चीन जैसा दोस्त देश भी उसके साथ इस तरह का व्यवहार करता है।
कुछ दिन पहले चीनी पुरुषों का एक रैकेट सामने आया था, जो पाकिस्तानी नागरिकों के साथ मिलकर पाकिस्तानी लड़कियों की तस्करी कर रहे थे। इस रैकेट में 8 चीनी नागरिक और 4 पाकिस्तानी नागरिक शामिल थे। ये लोग पाकिस्तानी एजेंट्स के साथ मिलकर पाकिस्तानी लड़कियों से शादी करते थे और चीन भेज देते थे, जहां लड़की को देहव्यापार में ढकेल दिया जाता था। इस रैकेट का हिस्सा एक चीनी महिला भी थी।
भले ही पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया गया हो, भले ही कई मीडिया रिपोर्ट्स, एक्टिविस्ट और एजेंसियां ये दावा कर रही हों, सबूत भी हों, लेकिन चीन तो मना करेगा ही। चीनी एम्बेसी ने इस तरह के किसी भी आरोप को नकार दिया। एम्बेसी ने स्टेटमेंट भी जारी किया है कि चीन की पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्ट्री के अनुसार पाकिस्तानी महिलाओं का ना तो शोषण किया जा रहा है, न ही उनके अंगों को बेचा जा रहा है।
क्यों चीन में बढ़ रही पाकिस्तानी लड़कियों की मांग
दरअसल, चीन की 1 बच्चे की पॉलिसी के कारण देश का लिंग अनुपात बहुत बिगड़ गया है। अधिकतर पुरुष कुंवारे रहते हैं। ऐसे में विदेशी दुल्हनों की मांग बढ़ गई है। पिछले साल से पाकिस्तान इस शादी के बिजनेस का नया केंद्र बना है। पिछले साल अक्टूबर से लेकर अब तक 750-1000 पाकिस्तानी महिलाएं चीन जा चुकी हैं। पाकिस्तानी ईसाई समुदाय को ज्यादा टार्गेट किया जा रहा है, क्योंकि उनके पास भी कोई खास सामाजिक या राजनीतिक सपोर्ट नहीं है।
इस मामले में पकिस्तान सरकार बकायदा अपने देशवासियों को चीनी दूल्हों को लेकर चेतावनी भी जारी कर चुका है। इतना ही नहीं, पकिस्तान में मौजूद चीनी दूतावास ने भी इसे लेकर बयान जारी किए हैं। चीनी दूतावास का कहना है कि पाकिस्तानी लड़कियां गैर-कानूनी मैचमेकिंग सेंटरों से शादी तय न करें, क्योंकि ये सेंटर निजी फायदे के लिए चल रहे हैं और इससे पाकिस्तानी लड़कियों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। लेकिन चीन की कथनी और करनी उसके दोस्त देश पाकिस्तान के माफिक ही है। पाकिस्तानी लड़कियों के साथ चीन में हो रहे जुल्म का चीन के पास कोई जवाब नहीं है। चीन तो बेशर्मी के उस पायदान पर है, जो मानता है कि उसके बाशिंदे पाकिस्तान में कुछ भी गलत नहीं कर सकते।
During talks EAM Jaishankar raised strong concerns over the massing of Chinese troops with equipment, urged comprehensive disengagement in all the friction areas
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— ANI Digital (@ani_digital) September 10, 2020
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