भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चार महीने से भी ज्यादा समय से गतिरोध जारी है। विभिन्न इलाकों में दोनों पक्षों की सेना के बीच कई बार टकराव की स्थिति पैदा हो चुकी है। इस बीच, भारत ने पैंगोंग सो इलाके में चीन के मुकाबले अहम बढ़त हासिल कर ली है।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने पैंगोंग सो झील के किनारे फिंगर-4 इलाके की ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया है। इससे सेना को चीनी जवानों पर नजर बनाए रखने में आसानी होगी। अगस्त महीने के अंत में पैंगोंग सो झील के दक्षिणी किनारे के पास ऊंचाइयों पर कब्जा करने के लिए ये ऑपरेशंस किए गए थे।
यूं तो भारत और चीन के बीच तनाव मई की शुरुआत से ही जारी है, लेकिन बढ़ोतरी तब हुई थी, जब जून के मध्य में दोनों पक्षों के बीच गलवान घाटी में हिंसक टकराव हो गया था। इस टकराव में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के भी कई सैनिकों को जवानों ने मार गिराया था। हालांकि, कभी भी चीन ने नहीं बताया कि उसके कितने सैनिक मारे गए। इसके बाद, दोनों देशों में कूटनीतिक, सैन्य स्तर की बातचीत हुई, जिसमें तनाव को कम करने पर चर्चा की गई। हालांकि, अगस्त के अंत में एक बार फिर से चीन ने चुशूल सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया था।
वहीं, दोनों देशों के बीच तनाव में कमी को लेकर रूस के मॉस्को में गुरुवार शाम को विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात होने जा रही है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के मद्देनजर दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत होगी।
साल 1975 के बाद सीमा पर चलीं गोलियां
लद्दाख में तनाव इस कदर बढ़ गया है कि साल 1975 के बाद पहली बार बीते सोमवार को सीमा पर गोलियां चलीं। पीएलए ने सोमवार देर रात झूठा आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं। हालांकि, चीन के इस दावे को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। भारतीय सेना ने पीएलए के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उसने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया। सेना ने कहा, ‘यह पीएलए है जो समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है और आक्रामकता अपना रहा है जबकि सैन्य, कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।’
During talks EAM Jaishankar raised strong concerns over the massing of Chinese troops with equipment, urged comprehensive disengagement in all the friction areas
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— ANI Digital (@ani_digital) September 10, 2020
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