लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अप्रैल महीने से जारी भारत-चीन के बीच गतिरोध पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में जवाब दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे जवानों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं और हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्री ने बताया कि चीन ने सीमा पर गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया है, लेकिन हमारी सेना भी तैयार है। हमारे जवान देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी को भी हमारे सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारे दृढ़ निश्चय के बारे में संदेह नहीं होना चाहिए। भारत मानता है कि पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘अप्रैल महीने से ईस्टर्न लद्दाख की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके गोला-बारूद में वृद्धि देखी गई है। मई महीने की शुरुआत में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी सेना की पैट्रोलिंग में व्यवधान शुरू किया, जिसके कारण दोनों पक्षों के आमने-सामने आने की स्थिति उत्पन्न हुई।’ उन्होंने कहा कि मई महीने में गलवान घाटी में आमना-सामना हुआ। चीन द्वारा मई महीने के मध्य में पश्चिमी लद्दाख के कई क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। हमने चीन से कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के जरिए से साफ करा दिया कि यह एकतरफा सीमा को बदलने की कोशिश है और हमें यह मंजूर नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘मैं सदन से यह अनुरोध करता हूं कि हमारे दिलेरों की वीरता एवं बहादुरी की भूरि-भूरि प्रशंसा करने में मेरा साथ दें। हमारे बहादुर जवान अत्यंत मुश्किल परिस्थतियों में अपने अथक प्रयास से समस्त देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं। इस पूरी अवधि के दौरान हमारे बहादुर जवानों ने, जहां संयम की जरूरत थी वहां संयम रखा तथा जहां शौर्य की जरुरत थी, वहां शौर्य दिखाया।’
रक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि एलएसी पर गतिरोध बढ़ता हुआ देखकर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को मीटिंग की। इस बात पर सहमति बनी कि डिस-एंगेजमेंट किया जाए। दोनो पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि एलएसी को माना जाएगा तथा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिससे यथास्थिति में कोई बदलाव हो। राजनाथ सिंह ने कहा कि 15 जून को चीनी सेना ने गलवान घाटी में हिंसक झड़प की। हमारे बहादुर सेना के जवानों ने अपनी जान का बलिदान किया और चीनी सेना के जवानों को भी काफी क्षति पहुंचाई है।
‘LAC का कड़ाई से पालन करें दोनों पक्ष’
संसद में राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान और कड़ाई से पालन करना चाहिए। किसी भी पक्ष को अपनी तरफ से यथास्थिति का उल्लंघन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, दोनों पक्षों के बीच सभी समझौतों का पालन होना चाहिए। सरकार ने पिछले कुछ हफ्तों में सीमा पर इंफ्रास्ट्रचर को तवज्जो दी है।
Troops are accordingly being provisioned with suitable clothing, habitat & required defence wherewithal. They are capable of serving at forbidding altitudes with scarce oxygen & in extremely cold temperatures, something that they've done over last many years on Siachen &Kargi: RM https://t.co/mK5SUvFtEi pic.twitter.com/vQBBP2fvPt
— ANI (@ANI) September 15, 2020
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