मक्के के रेशे याने कॉर्न सिल्क लंबे, रेशमी धागे होते है जो मके के बाहरी छिलकों के नीचे होते है।
हालांकि मकई खाने के समय इन्हें अक्सर निकालकर फेक दिया जाता है, लेकिन इन में कई औषधीय गुण होते है।
इस में मैग्नीशियम होता है, जो आपके शरीर की एंटी इंफ्लेमेटरी क्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह flavonoid एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध होते है।
कॉर्न सिल्क का उपयोग मूत्राशय के संक्रमण, प्रोस्टेट ग्रंथि की बीमारिया, गुर्दे की पथरी और बेडवेटिंग के लिए किया जाता है।
पशुओं में किये गए शोधकार्यों के अनुसार, कॉर्न सिल्क एक्सट्रैक्ट किडनी के कार्यों को दुरुस्त करने के लिए उपयोगी पाया गया है। यह, किडनी के खरब होने से बढ़्नेवाले क्रिएटिनिन और यूरिया को भी कम करता है।
एक्सट्रेक्ट के उपयोग से लिपिड पेरोक्सीडेशन में कमी और एंटीऑक्सिडेंट एंजाइमों जैसे कि catalase और SOD की बढ़ी हुई गतिविधि के कारण किडनी में ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो कर उस के कार्य में सुधार देखा गया।
मक्के के रेशे ब्लड प्रेशर को कम करने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी सहायक है। इसी कारण, उच्च रक्त चाप और डायबिटीज जैसी बीमारियों के किडनी पर होनेवाले दुष्परिणामों की रोकने में भी यह मदत करते है।
मक्के के रेशों का काढ़ा बनाकर पिया जाता है। लेकिन आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले कर ही इसका उपयोग करे।
सोर्स लिंक.
Gujarat: Shopkeepers in Law Garden market in Ahmedabad say they are facing losses due to #COVID19.
A trader says, "Navaratri festival boosts our sales, but this time it won't be organised. People are not buying lehengas or other stuff which used to be profitable for us."(26.09) pic.twitter.com/VryO7JguMa
— ANI (@ANI) September 26, 2020
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