कांग्रेस नेता उदित राज बोले- कुंभ मेले में सरकारी 4200 करोड़ खर्च करना गलत

असम में सरकार द्वारा मदरसों पर लिए गए फैसले के बाद कांग्रेस नेता उदित राज ने कुंभ मेले को लेकर बयान दिया है। उन्होंने धार्मिक आयोजनों में सरकारी खर्चे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कुंभ मेले में सरकार द्वारा 4200 करोड़ रुपये खर्च किया जाना गलत है। हालांकि, उदित राज ने विवाद बढ़ता देख अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक बीजेपी पूरे मुद्दे को लपक चुकी थी। संबित पात्रा समेत बीजेपी के कई नेताओं ने उदित राज के बयान पर हमला बोला है।

उदित राज ने गुरुवार को कहा कि किसी भी सरकार को न तो किसी धर्म को बढ़ावा देना चाहिए और न ही उसे नीचा दिखाना चाहिए। उदित राज ने ट्वीट किया, ”सरकार द्वारा कोई भी धार्मिक शिक्षा या अनुष्ठान नहीं किए जाने चाहिए। सरकार का खुद का कोई धर्म नहीं होता है। यूपी सरकार इलाहाबाद में कुंभ मेले के आयोजन में 4200 करोड़ रुपये खर्च करती है, वह भी गलत है।” हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद उदित राज ने कुछ देर में अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया।

वहीं, ट्वीट के बारे में उदित राज से पूछा गया तो उन्होंने एएनआई को बताया, ”धर्म राजनैतिक ताकत से अलग होना चाहिए और सरकार को इसमें दखलंदाजी, बढ़ावा या फिर उसे हतोत्साहित नहीं करना चाहिए। इसी संदर्भ में मैंने कुंभ मेले का उदाहरण दिया था, जिसमें खर्च काफी अधिक आता है।”

यह गांधी परिवार की सच्चाई: संबित पात्रा

उदित राज के ट्वीट पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने निशाना साधते हुए कहा कि यह गांधी परिवार की सच्चाई है। उन्होंने ट्वीट किया, ”मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई ..पहले एफिडेबिट देकर सुप्रीम कोर्ट में कहा था ‘भगवान श्रीराम मात्र काल्पनिक हैं ..उनका कोई अस्तित्व नहीं’ और अब प्रियंका वाड्राजी का कहना है की कुंभ मेला भी बंद होना चाहिए!! तभी तो दुनिया कहती है राहुल और प्रियंका ‘सुविधा-वादी’ हिंदू है।” वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी उदित राज के बयान पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पास विकास के लिए विचार और इच्छाएं नहीं हैं। जब किसी कार्यक्रम में करोड़ों लोग आते हैं, तो सरकार को उनके लिए इ्ंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना और सुविधाएं देना होता है। इस तरह के आयोजनों से बुनियादी ढांचे के विकास के अवसर मिलते हैं।

मदरसे को लेकर असम में क्या हुआ है फैसला?

कांग्रेस नेता उदित राज का यह बयान असम सरकार द्वारा मदरसे को लेकर उठाए गए फैसले के बाद आया है। असम सरकार नवंबर से राज्य संचालित मदरसों को बंद करने जा रही है। असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि नवंबर में सभी राज्य संचालित मदरसों को बंद करने के बारे में एक अधिसूचना जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 100 संस्कृत स्कूल भी बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ”मेरी राय में, कुरान का शिक्षण सरकारी धन की कीमत पर नहीं हो सकता है। अगर हमें ऐसा करना है तो हमें बाइबल और भगवद गीता दोनों को भी सिखाना चाहिए। इसलिए हम एकरूपता लाना चाहते हैं और इस प्रथा को रोकना चाहते हैं।”

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