आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Husain) के दिल्ली दंगों से संबंधित तीन अलग-अलग मामलों में जमानत याचिका कड़कडूमा अदालत ने खारिज कर दी हैं.
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) के दिल्ली दंगों से संबंधित तीन अलग-अलग मामलों में जमानत याचिका कड़कडूमा अदालत ने खारिज कर दी हैं. अदालत का कहना है कि ताहिर पर दंगे (Delhi Riots) की साजिश का आरोप है. इसके साथ ही वह उसी इलाके में रहता है, जो दंगों के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके रहे हैं. इससे पहले शनिवार को प्रवर्तन निदे़शालय (ED) ने कड़कड़डूमा अदालत में ताहिर हुसैन के खिलाफ अदालत में धनशोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था.यह भी
बाहुबल औऱ राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल
कोर्ट ने ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए कहा, पहली नज़र में ये साफ है कि ताहिर हुसैन ने अपने बाहुबल और राजनीतिक ताक़त का इस्तेमाल करके साम्प्रदायिक दंगों की आग भड़काने में सरगना की भूमिका निभाई. ये साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है कि ताहिर हुसैन मौके पर मौजूद था और सम्प्रदाय विशेष के लोगो को दंगे के लिए भड़का रहा था. उसके इशारे पर मानव हथियार में तब्दील हुए लोग किसी को भी मार सकते थे.
ग्लोबल पॉवर बनने जा रहे देश पर गहरा घाव
यही नहीं, कोर्ट ने कहा कि 2020 के दिल्ली दंगे ग्लोबल पावर बनने की आकांक्षा रखने वाले देश के लिए गहरा घाव है. इतने कम वक़्त में जिस तरह से दंगे फैल गए, वह बिना किसी सोची साजिश के संभव नहीं है. कोर्ट ने ताहिर हुसैन की ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए अंग्रेजी की मशहूर कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि जब आप अंगारे के साथ खेलते हैं, तो चिंगारी से आग भड़कने के लिए हवा को दोष नहीं दे सकते.
#WATCH अमृतसर:पंजाब के किसान अपने खेतों में लगातार पराली जला रहे हैं।(दृश्य जोहल गांव से)
एक किसान ने बताया,"पराली जलाना हमारी मज़बूरी है,किसान 6000 रु.प्रति एकड़ का मुआवज़ा मांग रहा है क्योंकि पराली को मिट्टी में मिलाने में बहुत खर्चा होता है,लेकिन सरकार ने हमें कुछ नहीं दिया।" pic.twitter.com/aFfWQN0T2w
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 22, 2020
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