गैस और एसिडिटी की समस्या आजकल बहुत आम है | लगभग 75 प्रतिशत लोग इस समस्या से पीड़ित हैं | गैस अधिक बनने पर पेट फूलता है, बेचैनी होती है, पेट और सिर में दर्द हो सकता है | एसिडिटी होने पर पेट, गले और सीने में जलन हो सकती है | सिर दर्द और उल्टी – मिचली की शिकायत हो सकती है | कभी – कभी गैस और एसिडिटी की समस्या इतनी खतरनाक हो जाती है कि बेहोशी आ सकती है, यहाँ तक कि हार्ट अटैक की नौबत भी आ सकती है | इसलिए इसे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए
कब्ज की ही तरह गैस और एसिडिटी की भी समस्या अनियमित दिनचर्या, जीवन शैली और अनियंत्रित खान – पान की वजह से उत्पन्न होती है | अतः इन चीजों में सुधार लाकर और कब्ज से बचे रहकर इस समस्या से भी बचे रह सकते हैं | यहाँ हम ऐसे ही कुछ उपायों की चर्चा करेंगे —
क्या करें ?
➤ हमेशा सुबह सूर्योदय से पहले अवश्य उठ जाएँ | हो सके तो उजाला होने से पहले उठें | देर तक सोना सेहत के लिए कतई ठीक नहीं है |
➤ सुबह उठकर अपनी क्षमतानुसार बासी मुँह आधा से एक लीटर गुनगुना पानी पिएँ | उसके बाद शौंच के लिए जाएँ |
➤ आधे से एक घंटे प्रतिदिन सुबह – शाम टहलने की आदत डालें | नियमित रूप से आधे से एक घंटे योग, प्राणायाम और व्यायाम करें |
➤ रात का खाना सोने से डेढ़ – दो घंटे पहले अवश्य खा लें और खाने के बाद कुछ देर धीरे – धीरे चहलकदमी करें |
➤ खाने में फाइबर वाली चीजों का सेवन अधिक करें | मौसम के ताजे फलों और हरी सब्जियों में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है | यथासंभव इन्हें अपने रोज के भोजन का हिस्सा बनाएँ |
➤ भोजन के साथ भरपूर मात्रा में सलाद का सेवन करें | सलाद स्वच्छ और ताजी कटी हुई हो |
➤ खाना खाने के बाद गुड़ खाएँ |
➤ बिना छाने हुए चोकरयुक्त आटे की रोटी खाएँ | चोकर में फाइबर बहुत अधिक होता है, जो कब्ज, गैस, एसिडिटी से बचाता है |
➤ दिन भर भरपूर मात्रा में पानी पिएँ | कम मात्रा में पानी पीना भी कब्ज और गैस का कारण बन सकता है | जाड़े के दिनों में हर बार गुनगुना ही पानी पिएँ तो अच्छा है |
➤ भोजन ताजा, हल्का और सुपाच्य हो | बासी, भारी और गरिष्ठ भोजन कब्ज का कारण बनता है |
➤ हमेशा अपनी भूख से दो निवाले कम खाएँ और हो सके तो सप्ताह में एक दिन उपवास रखें |
➤ खाना खाते समय पूरा ध्यान भोजन पर केंद्रित रखें और भोजन का मजा ले – लेकर खाएँ | जो भोजन प्रेम से बनाया जाता है, प्रेम से परोसा जाता है और प्रेम से शांतिपूर्वक खाया जाता है, वह अधिक गुणकारी और सुपाच्य होता है |
➤ सुबह के नाश्ते में अंकुरित किए हुए अनाज शामिल करें | अंकुरित नाश्ते के लिए चना, मूँग, सोयाबीन, मूँगफली, मेथी आदि उपयुक्त हैं |
➤ सात – आठ घंटे की भरपूर नींद लें |
क्या न करें ?
➤ सुबह देर तक कभी न सोएँ | खासकर सूरज निकलने के बाद तो बिलकुल नहीं |
➤ भोजन करने के बाद एक जगह बैठे न रहें और न तुरंत सोएँ |
➤ भोजन करते समय बीच – बीच में पानी न पिएँ | बहुत जरूरी होने पर ही एक – दो घूँट पानी पिएँ | उपलब्ध हो तो भोजन के साथ एक गिलास छाछ लेकर बैठें और बीच – बीच में पीते
रहें | भोजन के बीच में पानी पीना कब्ज व गैस का कारण बनता है | भोजन समाप्त करने के एक से डेढ़ घंटे बाद भरपूर मात्रा में पानी पिएँ |
➤ बासी और फ्रिज में रखा हुआ भोजन न करें |
➤ भोजन करते समय न तो बातें करे, न किसी मुद्दे पर बहस करें, न टी. वी. देखें, न क्रोध करें | झुँझला कर, क्रोधपूर्वक, बेमन से, अरूचिपूर्वक और जल्दबाजी में किया गया भोजन अपच करता है तथा गैस व एसीडिटी का कारण बनता है |
➤ जहाँ तक हो सके, तली – भुनी चीजें न खाएँ या कम से कम खाएँ |
➤ फास्ट फ़ूड और डिब्बा बंद चीजें खाने से बचें | भोजन में अधिक मिर्च – मसालों का प्रयोग न करें |
➤ लगातार एक ही तरह का भोजन न करें | उसमें ऋतु और मौसम के अनुसार बदलाव करते रहें |
➤ बात – बात में दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें | ये दवाएँ भी कब्ज, गैस व एसिडिटी का कारण हो सकती हैं |
➤ तनाव को अपने पास न फटकने दें | हमेशा प्रसन्न रहें |
गैस तथा एसिडिटी का घरेलू उपचार :
अच्छा यही होगा कि ऊपर बताए गए उपायों को अपना कर अपनी जीवन शैली को सुधारें, ताकि कब्ज, गैस, एसिडिटी की नौबत ही न आए | इसके बावजूद यदि कोई ऐसी समस्या आती है तो नीचे लिखे घरेलू नुस्खों का प्रयोग करें —
➤ तुलसी के 15 पत्ते अच्छी तरह धोकर हल्का – हल्का कूट लें | इन्हें एक गिलास पानी में ठीक से उबाल लें | ठंडा हो जाने पर छानकर सुबह खाली पेट पी लें | इससे दिन भर गैस व एसिडिटी से मुक्त रहेंगे |
➤ भोजन करने के बाद एक चम्मच अदरक के रस में चौथाई चम्मच नींबू का रस मिलाकर पी लें | इससे गैस और एसिडिटी की समस्या नहीं होगी |
➤ भोजन के साथ एक कटोरी ताजे दही का सेवन करें | दही खट्टा नहीं होना चाहिए |
➤ सौ ग्राम सौंफ भून कर रख लें | हर बार खाना खाने के बाद आधा चम्मच सौंफ चबा – चबा कर खा लें | इससे गैस और एसिडिटी से छुटकारा मिलेगा |
➤ पेट के लिए ताजा मट्ठा बहुत गुणकारी होता है | प्रतिदिन एक गिलास मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा डालकर पिएँ, परन्तु मट्ठा खट्टा नहीं होना चाहिए |
➤ एक गिलास स्वच्छ, ताजा गन्ने का रस लें | इसमें एक चम्मच पिसा हुआ पुदीना, आधे नींबू का रस और आधा चम्मच सेंधा नमक मिलाकर पी लें | यह गैस और एसिडिटी की समस्या में तुरंत राहत देता है |
➤ सुबह आधा चम्मच अजवाइन लेकर आधा गिलास पानी में भिगो दें | आधे घंटे बाद इसे उबालकर छान लें और खाली पेट पी लें | इससे गैस, एसिडिटी में आराम रहेगा |
➤ एक गिलास ताजे छाछ में आधा चम्मच दरदरी पिसी हुई मेथी, आधा चम्मच जीरा पावडर, चौथाई चम्मच पिसी हल्दी, चौथाई चम्मच काला नमक और एक चुटकी हींग मिलाकर सुबह नाश्ते के बाद पी लें | गैस और एसिडिटी परेशान नहीं करेगी |
➤ एक गिलास गुनगुने पानी में एक चुटकी हींग और एक चुटकी काला नमक मिलाकर पीने से गैस में आराम मिल जाता है |
➤ एक कप संतरे के रस में चौथाई चम्मच भुना जीरा और एक चुटकी काला नमक मिलाकर पीने से भी गैस में आराम मिल जाता है |
➤ एक चम्मच शहद में एक चुटकी पिसी हुई लौंग का पावडर मिलाकर चाट लें | गैस में आराम मिलेगा |
➤ गैस के कारण पेट फूल रहा हो तो एक गिलास पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा, आधे नींबू का रस और चौथाई चम्मच काला नमक मिलाकर पी लें | तुरंत आराम मिलेगा |
➤ आधा – आधा चम्मच तुलसी और अदरक का रस मिलाकर पीने से भी गैस व एसिडिटी में आराम मिलता है |
➤ एसिडिटी के कारण पेट, सीने या गले में जलन हो रही हो तो आधा गिलास फ्रिज से निकाला हुआ ठंडा दूध पी लें | इससे तुरंत आराम मिल जाएगा | ठंडा दूध दिन में कई बार भी पिया जा सकता है |
➤ एसिडिटी की जलन दूर करने के लिए एक मुट्ठी भुने चने खा लें | तुरंत आराम मिलेगा |
स्वास्थ्य से सम्बन्धी अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियों के लिए कृपया मेरे ब्लॉग पर अवश्य विजिट करें – CHANGA JEEVAN
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