नई दिल्ली: फ्रांस में हुई हत्याओं को अपने नजरिए से ठीक बताने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा का लखनऊ में हुई एफआईआर के बाद बयान आया है। मुनव्वर का कहना है कि वह माफी नहीं मांगेंगे। मुनव्वर का कहना है कि मैं अपनी बात पर कायम रहूंगा। मुझे फ्रांस की घटना पर सच बोलने की जो भी सजा मिलती है वह मंजूर है। उन्होंने कहा, मैं इन लोगों की तरह नहीं, जो मुकदमे वापस कराते फिरते हैं और सच बोलने से डरते हैं। अगर मुझ पर कोई भी गुनाह साबित हुआ तो बीच चौराहे पर मुझे शूट कर दो।
मुनव्वर का कहा है कि मुझे फ्रांस की घटना पर सच बोलने की जो सजा मिले वो मंजूर है। उन्होंने कहा कि 69 साल के शायर को चाहे बना दो जेहादी, सच बोलना नहीं छोडूंगा। मेरे खिलाफ बुजदिलों ने किसी के इशारे पर कार्रवाई की। अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगूगा, चाहे तो फांसी हो जाए। लखनऊ के हजरतगंज थाने में शायर मुनव्वर राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ये एफआईआर मुनव्वर राणा के उस बयान को लेकर दर्ज की गई है जिसमें उन्होंने कार्टून विवाद को लेकर फ्रांस में हुई हत्याओं को सही करार दिया था। FIR में इस बयान को वैमनस्यता बढ़ाने वाला बताया गया है।
FIR में कहा गया कि फ्रांस में कार्टून विवाद पर हत्याओं को सही ठहराने का उनका सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने के लिए पर्याप्त है। पुलिस ने कहा कि ये बयान समुदायों को बीच वैमनस्यता फैलाने वाला, सामाजिक सौहार्द्र पर विपरीत प्रभाव डालने वाला है और इससे लोक शांति भंग होने की आशंका है।
मुनव्वर ने यह भी कहा कि 69 साल के शायर को चाहे जेहादी बना दो सच बोलना नहीं छोड़ूंगा। मेरे खिलाफ बुजदिलों ने किसी के इशारे पर कार्रवाई की। अपने बयान के लिए मैं माफी तो कतई नहीं मांगूंगा। फिर चाहे फांसी हो जाए। मुनव्वर के पूर्व के विवादित बयान के बाद लोगों में जबर्दस्त विरोध देखने को मिल रहा है। कई लोगों ने उनके इस बयान की निंदा की है और कहा है कि हिंसा को बिलकुल भी जायज नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि अब मुनव्वर का कहना है कि मजहबी हिंसा गलत है, मुनव्वर ने कहा, इस्लामिक आतंकवाद कहकर लोगों को भड़काना भी गलत है। जिसने फ्रांस में टीचर की हत्या की, वह भी पागलपन है।
बिलासपुर के आईजी दीपांशु काबरा ने मुनव्वर के विवादित बयान पर ट्वीट किया, #मुनव्वर_राणा जी जैसे सम्मानित व्यक्ति द्वारा घृणित वक्तव्य निन्दनीय है। देश और दुनिया नियम कानून से चलते हैं। यदि आप लोगों को कानूनी प्रक्रिया से न्याय प्राप्ति के लिए प्रेरित नहीं कर सकते तो बेहतर है मौन रहें।
डीयू की फैकल्टी डॉ छायानिका ने ट्वीट किया, बुद्ध ने सनातन धर्म के विरूद्घ तर्क़ प्रस्तुत किए थे, सोचो वो उस वक्त तुरंत किसी ऐसे हिंसक विचार का ग्रास बन जाते, तो कितना बड़ी ऐतिहासिक हानि होती?
इसके साथ ही देश के कई जाने माने लोगों ने मुनव्वर के बयान को गलत ठहराया है और कहा है कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने शायर मुनव्वर राना का बचाव करने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि शायर की आड़ में एक आतंकी बहरूपिया आज देश में दिखा, लेकिन सवाल यह है कि आतंक का समर्थन करने वाले इस शायर का महिमामंडन कौन करता था और किसने हौसला बढ़ाया।
Pakistan is trying to create divisions among our religious communities as well. Fortunately, their provocation is falling on deaf ears since India has had a tradition of pluralism and co-existence where all communities live in harmony under a democratic framework: Ashish Sharma https://t.co/CsPnTuYNhE
— ANI (@ANI) November 2, 2020
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