उत्तर भारत में तो विशेष रूप से कड़ाके की सर्दी पड़ने वाली है और ऐसे में सभी लोगों को ठंड से बचने के बहुत सारे उपाय करने होते हैं। इन सभी उपायों में खान-पान का ध्यान रखना भी एक उपाय है और बहुत महत्वपूर्ण है। वैसे तो मौसम के बदलने के साथ ही स्वाभाविक रूप से खानपान बदल ही जाता है। प्रकृति भी मौसम के अनुसार इस प्रकार के पदार्थ हमें उपलब्ध करवाती हैं जो कि मौसम की मार को झेलने में मदद करते हैं।
चित्र स्रोत— गूगल
आपने पूछा गुड और भुने चने खाने से क्या फायदा है तो मैं तो संक्षेप में यही कहना चाहूंगी कि गुड़ की तासीर गर्म होती है और भुने हुए चनों की तासीर खुश्की लाती हैं। जब परिवार के सदस्य सर्दी के कारण बार-बार ठंड महसूस करते हैं तब उनके लिए गुड़ और चना खाना फायदेमंद साबित होता है।
कारण गुड और चना सर्दी के कारण बनने वाले कफ को दूर करने में काफी मददगार साबित होता है।
गुड़ और चने के इकट्ठा सेवन करने से अस्थमा के मरीजों को भी फायदा होता है। अस्थमा का रोग सर्दी के मौसम में बहुत अधिक पनपता है और गुड़ और चना शरीर में गर्माहट लाता है जिससे कि अस्थमा का असर कम हो जाता है। चने की जगह बहुत से लोग काले तिलों का प्रयोग भी करते हैं गुड़ और काले तिल के प्रयोग से भी अस्थमा के रोगी को फायदा मिलता है।
गुड़ शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में भी मददगार होता है साथ ही शरीर को ताकत देता है।
गुड ऊर्जा बढ़ाता है और चना ताकत देता है तो गुड़ और चने का कॉन्बिनेशन तो बहुत ही उत्तम साबित होता है।
गुड़ के तो हजारों फायदे हैं जो कि सभी जानते हैं। यह कब्ज और गैस को भी दूर करता है। पाचन में मददगार है। भोजन को अच्छे से पचाता है। इस में फाइबर होता है, जिससे कब्ज की समस्या नहीं रहती।
दूसरे घर के बुजुर्ग व्यक्तियों को दिन में या रात में यदि बार- बार पेशाब के लिए जाना पड़ता है और बार-बार जाना बुजुर्गों के लिए आसान नहीं होता। ऐसे में उन्हें अधिक पेशाब न आए इसके लिए चने और गुड़ का सेवन उत्तम रहता है।
उत्तर अपने अनुभव के आधार पर लिख रही हूं। इससे अधिक भी गुड़ और चने के फायदे होंगे, जो मुझे अन्य उत्तर पढ़कर जानने को मिले।
धन्यवाद।
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