सोल: उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘‘युद्धोन्मादी’’ एशिया यात्रा की शनिवार (11 नवंबर) की आलोचना करते हुए कहा कि इससे सिर्फ प्योंगयांग को एक पूर्ण परमाणु शक्ति की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी. ट्रंप अपनी एशिया यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम को रोकने के लिए समर्थन जुटा रहे हैं. वह क्षेत्रीय शक्तियों से उत्तर कोरिया की सरकार के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने का अनुरोध कर रहे हैं. ट्रंप की यात्रा पर उत्तर कोरिया के किसी अधिकारी की पहली टिप्पणी में कहा गया है कि ‘‘यह एक युद्धोन्मादी यात्रा है जो इस देश को आत्मरक्षा के लिए परमाणु हथियार की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा.’’
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (10 नवंबर) को कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की परमाणु महत्वाकांक्षा और ‘फंतासियों’ ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को बंधक बना दिया था. उन्होंने देशों का आह्वान किया कि उन्हें प्योंगयांग के खिलाफ एकजुट होना चाहिये. उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम में कटौती के लिये क्षेत्रीय समर्थन जुटाने के उद्देश्य से ट्रंप एशियाई देशों की यात्रा पर हैं और उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने के लिये समय तेजी से खत्म हो रहा है.
ट्रंप ने वियतनाम में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के दौरान कहा, ‘इस क्षेत्र और इसके खूबसूरत लोगों के भविष्य को किसी तानाशाह की हिंसक विजय एवं परमाणु ब्लैकमेल की फंतासियों का बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को आवश्यक रूप से उत्तर कोरिया द्वारा ज्यादा हथियारों की दिशा में उठाया गया कोई भी कदम ज्यादा खतरे की तरफ लेकर जायेगा जिसके खिलाफ हमें साथ खड़े होना होगा.
अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि उत्तर कोरिया पर चीन का आर्थिक प्रभाव प्योंगयांग के परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रम को रुकवाने में अहम हो सकता है. राष्ट्रपति ट्रंप गुरुवार (9 नवंबर) को बीजिंग में थे और उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से अपनी मुलाकात के दौरान चीन से उत्तर कोरिया पर ‘जल्द कार्रवाई’ का आह्वान किया था.