कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर: मैंने उन किसानों से भी मुलाकात की जो इन कृषि कानूनों के समर्थन में हैं

ये कृषि बिल पूरी तरह से किसानों के लिए फायदेमंद हैं. इन किसानों से मुलाकात के बाद जब कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने बताया कि आज जो किसान मुझसे मिले, उन्होंने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया है.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए कृषि कानूनों को लेकर एक ओर जहां किसानों ने पूरे देश में घमासान मचा रखा है वहीं मंगलवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से आज कुछ ऐसे किसानों ने भी मुलाकात की है जिन्होंने ये बताया कि ये कृषि बिल पूरी तरह से किसानों के लिए फायदेमंद हैं. इन किसानों से मुलाकात के बाद जब कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने बताया कि आज जो किसान मुझसे मिले, उन्होंने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि वे नए कृषि कानून बिल और सरकार के साथ हैं. चूंकि कुछ किसान गलत धारणा फैला रहे हैं इसलिए उन्हें भी गुमराह किया गया. जब मैंने उनसे बात की तो उन्होंने बिलों का स्पष्ट समर्थन किया.

आपको बता दें कि इसके पहले मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन मंगलवार को भी जारी रहा. सिंघू सीमा से 4 किमी दूर सोनीपथ पर किसानों ने मंगलवार को कृषि कानूनों को लेकर प्रेसवार्ता की है. इस दौरान पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और यूपी के किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि पंजाब समेत अन्य राज्यों के किसानों की बैठक हुई है. रोज़ एक किसान की मौत हो रही है. अब तक 13-14 किसानों की जान जा चुकी है. सभी किसान आंदोलन के शहीदों को नमन.

किसान नेताओं ने कहा कि एनएच-8 जयपुर रोड बंद कर दिया गया है, 350 जिलों में प्रदर्शन हुआ. देश में किसान विरोधी तानाशाही सरकार है. अब लोग सड़कों पर हैं और आंदोलन देशव्यापी है. पहले तीनों कानून रद्द हो फिर सरकार से बात होगी. शहीद भाइयों के लिए 20 दिसंबर को भी नमन होगा. अब 20 साथी शहीद हो चुके हैं. सरकार ने किसानों की मौत का सौदा उद्योगपतियों से किया है.  उन्होंने आगे कहा कि 20 दिसंबर को शहीदों को हर गांव नमन करेगा. हर शहादत का जवाब देना होगा. रविवार को हर गांव हर तहसील में हो श्रद्धांजलि सभा होगी. 50 टोल प्लाज़ा मुक्त हो चुके हैं. अगर सरकार को लगता है कि आंदोलन पंजाब का है तो पानी का मुद्दा और 10 सूत्रीय कार्यक्रम क्यों? सरकार किसानों के आंदोलन पर बेवजह आरोप लगा रही है.

किसानों ने कहा कि संशोधन का अर्थ है कि सरकार मानती है कि कानून गलत है. फिक्की सभा में मोदी का भाषण इसलिए था कि कृषि को निवेश के नाम पर लूटो. सरकार के विधायक अपने एजेंटों को किसान के नाम पर समर्थन के लिए ला रहे हैं. आने वाले समय में किसानों का सख्या बढ़ेगी और दिल्ली घिरेगी. मोदी मन की बात करते हैं, लेकिन उनके पास किसानों से मिलने का वक्त नहीं है. हमसे पीएम का गलत चुनाव हो गया.

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