नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को लेकर विवादित बयान दिया है. फारुख अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर उसी का हिस्सा है. कश्मीर का जितना हिस्सा भारत के पास है वही भारत का है. चाहे जितनी लड़ाई हो जाए पर ये सच्चाई बदलने वाली नहीं है. फारुख अब्दुल्ला ने शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किए गए वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया. जम्मू कश्मीर में विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि स्वतंत्र कश्मीर की बात ‘गलत’ है क्योंकि घाटी चारों ओर से भूआबद्ध है और तीन परमाणु शक्तियों – चीन, पाकिस्तान और भारत से घिरी है. फारुख इससे पहले भी पीओके को कश्मीर का हिस्सा बता चुके हैं.
अब्दुल्ला ने यह दावा भी किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) पाकिस्तान का है और यह चीज नहीं बदलेगी, चाहे भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के खिलाफ कितने ही युद्ध क्यों ना लड़ लें.
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने एक स्वतंत्र कश्मीर के विचार को खारिज करते हुए कहा था कि यह हकीकत पर आधारित नहीं है.
‘आजाद कश्मीर जैसा कोई मुद्दा नहीं है’
श्रीनगर से सांसद ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यह कह रहा हूं कि यहां आजादी (आजाद कश्मीर) जैसा कोई मुद्दा नहीं है. हम चारों ओर से जमीन से घिरे हुए हैं. इसके अलावा, एक ओर चीन है, दूसरी ओर पाकिस्तान है जबकि तीसरी ओर भारत है.’ उन्होंने कहा, ‘इन तीनों के पास परमाणु बम हैं. हमारे पास अल्लाह के नाम के अलावा और कुछ नहीं है.’ जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आजादी के बारे में बात करने वाले ये (अलगाववादी) गलत बात कर रहे हैं.’ स्वायतत्ता की मांग पर उन्होंने कहा कि राज्य ने भारत में शामिल होने का फैसला किया, लेकिन देश ने कश्मीर के अवाम से विश्वासघात किया और उनसे अच्छा सलूक नहीं किया.
‘आतंरिक स्वायतत्ता हमारा अधिकार है’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमें यह समझना चाहिए कि एक फैसला हुआ था (विलय का), लेकिन भारत ने हमसे अच्छा सलूक नहीं किया. भारत ने विश्वासघात किया. उन्होंने उस प्यार को नहीं समझा, जिसके साथ हमने उनके साथ जाने का विकल्प चुना था. कश्मीर की मौजूदा स्थिति की यही वजह है. ‘ उन्होंने कहा, ‘आतंरिक स्वायतत्ता हमारा अधिकार है. उन्हें (केंद्र को) इसे बहाल करना चाहिए. तभी जाकर शांति लौटेगी (घाटी में).
‘पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है और बना रहेगा’
पीओके को भारत का हिस्सा बताने संबंधी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर के बयान का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कश्मीर के तत्कालीन शासक महाराज हरि सिंह और भारत सरकार के बीच विलय पत्र पर हुए हस्ताक्षर की याद दिलाई और कहा, ‘आपको विलय पत्र याद नहीं है और पाक शासित कश्मीर के दूसरे हिस्से पर दावा करते हैं. आप उन शर्तों को क्यों भूल गए जिन पर हम सहमत हुए थे.’ अब्दुल्ला ने यह भी दावा किया कि पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है और बना रहेगा.
‘भारत-पाक के बातचीत से ही हल होगा विवाद’
उन्होंने कहा, ‘मैं सीधे शब्दों में कहता हूं – न सिर्फ भारत के लोगों को, बल्कि दुनिया से भी – जम्मू कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान के साथ है वह पाकिस्तान का है और जो हिस्सा भारत के साथ है, वह भारत का है. यह नहीं बदलेगा. उन्हें लड़ने दीजिए, जितनी लड़ाइयां लड़ना चाहते हैं. यह नहीं बदलेगा. ‘ यह पूछे जाने पर कि कश्मीर के लिए केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा क्या सफल रहे हैं, अब्दुल्ला ने कहा कि सिर्फ शर्मा ही इस बारे में बता सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सिर्फ वार्ता से मुद्दे का हल नहीं होगा क्योंकि यह मुद्दा दो देशों के बीच का है. भारत सरकार को पाक सरकार से बात करनी होगी क्योंकि जम्मू कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास है.’