पश्चिम बंगाल में भले ही अभी आधिकारिक रूप से चुनावी बिगुल नहीं बजा है, मगर राजनीतिक पार्टियों के बीच सियासी दंगल जारी है। शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद सियासी बयानबाजी और तेज हो गई है और अब रैलियों में भी जुबानी जंग दिखने लगी है। बुधवार को जहां एक ओर तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने शुभेंदु अधिकारी के होम टाउन पूर्वी मिदनापुर जिले के कोंताई में रैली कर अपना दमखम दिखाया और उन्हें निशाने पर लिया तो वहीं आज उसी जगह पर शुभेंदु अधिकारी अपनी सियासी ताकत दिखाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में 19 दिसंबर को भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्वी मिदनापुर में शुभेंदु अधिकारी की पहली रैली होगी। इस दौरान राज्य में भाजपा के युवा विंग के अध्यक्ष सौमित्र खान भी अधिकारी की रैली में मौजूद रहेंगे, जिन्होंने हाल ही में टीएमसी में जाने के बाद अपनी पत्नी सुजाता मंडल खान के खिलाफ तलाक का मुकदमा दायर किया है। इससे पहले शुभेंदु ने भारतीय जनता पार्टी के नेता के तौर पर अपनी पहली रैली मंगलवार को बर्दवान में की थी।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि पूर्वी मिदनापुर जिला तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, उससे भी अधिक अधिकारी के परिवार का। अब जब शुभेंदु अधिकारी ने पाला बदल लिया है तो टीएमसी और बीजेपी दोनों ही जिले में अपनी ताकत दिखाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि बुधवार को ही टीएमसी की रैली में अधिकारी के परिवार से कोई शामिल नहीं हुआ।
बुधवार को कोंताई में टीएमसी नेताओं ने रैली को संबोधित किया तो आज यानी गुरुवार को शुभेंदु अधिकारी एक काउंटर रैली करने वाले हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि टीमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 7 जनवरी 2021 को इसी जिले के नंदीग्राम में एक और रैली को संबोधित करने वाली हैं।
टीएमसी की रैली में अधिकारी के परिवार से किसी के शामिलन नहीं होने पर टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि अखिल गिरी (रामनगर के टीएमसी विधायक) ने सभी को निमंत्रण पत्र भेजे थे। अगर कोई इसमें शामिल नहीं होता है, तो यह उसके ऊपर है। बता दें कि टीएमसी की रैली से पहले बुधवार को जिले के रामनगर इलाके में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी।
शुभेंदु अधिकारी को न सिर्फ ममता बनर्जी का खास माना जाता था, बल्कि वह टीएमसी के खास रणनीतिकारों में से एक थे। अधिकारी और उनके परिवार ने पूर्वी मिदनापुर में टीएमसी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अधिकारी का परिवार राजनीतिक रूप से काफी मजबूत है और इस जिले में आने वाली ज्यादातर विधानसभा सीटों पर अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। कांथी और तमलुक लोकसभा सीटें और इस जिले की अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में और कई स्थानीय निकायों में 78 वर्षीय सिसिर अधिकारी और उनके तीन बेटों का 2009 से ही गजब कंट्रोल है। शुभेंदु अधिकारी के भाई दिब्येंदु तमलुक से लोकसभा सदस्य हैं, जबकि तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे सौमेंदु कांथी नगर पालिका के अध्यक्ष हैं। उनके पिता सिसिर अधिकारी टीएमसी के सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य हैं, जो कांथी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Speaking at #VisvaBharati University. Here is my speech. https://t.co/YH17s5BAll
— Narendra Modi (@narendramodi) December 24, 2020