केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन का बड़ा ऐलान, पूरे देश में फ्री होगी कोरोना वैक्सीन

दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस 5,200 के करीब

दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस (Covid-19) के नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक होने से एक्टिव केसों में कमी का दौर जारी है तथा अब इनकी संख्या घट कर 5,200 के करीब रह गई है। दिल्ली में शुक्रवार को एक्टिव केस 153 और घटकर 5,358 रह गए। राजधानी में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होने से एक्टिव केसों में कमी दर्ज की गई है।

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को 585 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 6,25,954 तक पहुंच गई है, जबकि 717 और मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 6,10,039 हो गई। इस दौरान 21 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 10,557 पर पहुंच गया है। राजधानी में मृत्यु दर महज 1.69 फीसदी रह गई है। मृतकों के मामले में पूरे देश में दिल्ली चौथे स्थान पर है।

राजधानी में पिछले 24 घंटों के दौरान 80,565 जांच की गईं। इसके साथ ही अब तक हुई जांच संख्या बढ़कर 87.40 लाख के पार पहुंच गई है। प्रत्येक दस लाख आबादी पर जांच का औसत 4,60,020 है। इस बीच राजधानी में कंटेनमेंट जोन की संख्या में गिरावट का दौर जारी है। फिलहाल दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या घट कर 3,874 रह गई है।

कोरोना वैक्सीनेशन की मॉक ड्रिल हर राज्य के 2 से 3 जिलों में हो रही है। हर वैक्सीनेशन सेंटर पर करीब 25 हेल्थ वर्कर मौजूद होंगे। मॉक ड्रिल के दौरान वैक्सीन के स्टोरेज का इंतजाम देखा जाएगा। जैसे वैक्सीन आने पर पूरी प्रक्रिया होगी, बिल्कुल उसी तरह इस मॉक ड्रिल को फॉलो किया जाएगा। स्टोरेज के लिए वैक्सीन कोल्डचेन में भेजी जाएगी, मतलब कंपनी से आने के बाद उसका स्टोरेज कैसे होगा, इसको भी ड्राई रन में पऱखा जाएगा। स्टोरेज से वैक्सीन की राज्यों को सप्लाई की जाएगी।

इसके बाद वैक्सीन को जिलों में पहुंचाया जाएगा। स्टेट के मेन डिपो से वैक्सीन को जिलों में पहुंचाया जाएगा। इस दौरान मेडिकल टीम पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखेगी। लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने की जांच भी की जाएगी। पूरे सफर में वैक्सीन का जो ट्रांसपोर्टेशन होगा, उसमें तापमान का भी ध्यान रखा जाएगा। जिन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, उन्हें SMS भेजा जाएगा। SMS में वैक्सीनेशन करने वाली टीम का जिक्र होगा।

इस पूरे ड्राई रन में वैक्सीनेशन के दौरान Co-Win एप में एंट्री होगी। एप में रजिस्ट्रेशन की मॉक ड्रिल भी की जाएगी। बता दें कि अब तक दो दिन पहले आंध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब और असम में वैक्सीनेशन का ड्राई रन हो चुका है।

ड्राई रन का क्या होगा फायदा?

इस ड्राई रन से असली टीकाकरण से पहले की चुनौतियों का पता चल जाएगा यानी इससे ये अंदाजा हो जाएगा कि असली टीकाकरण के दौरान किस तरह की चुनौतियां आ सकती हैं। साथ ही उन जगहों की भी पहचान हो जाएगी, जहां सुधार की जरूरत है। ड्राई रन के बाद वैक्सीनेशन प्लान सही ढंग से पूरा हो सकेगा। इस ड्राई रन में वो सारी एजेसियां शामिल होंगी, जो असली टीकाकरण में रहेंगी। इससे ऊपर से नीचे तक पूरे सिस्टम की मॉनटरिंग हो जाएगी। ड्राई रन में स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट, कोल्ड चेन की निगरानी हो सकेगी। वैक्सीनेशन सेंटर पर तैयारियों को परखने में इस ड्राई रन से मदद मिलेगी। यही नहीं वैक्सीनेशन में Co-Win ऐप की भूमिका का पता चलेगा जिसको खास इसी मकसद के हिसाब से तैयार किया गया है।

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