नए कृषि कानूनों पर कायम गतिरोध के बीच शुक्रवार को हुई केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। अब नौवें दौर की बैठक 15 जनवरी को होगी। बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि अगर किसान संगठन बिल वापसी के अतिरिक्त कोई वैकल्पिक प्रस्ताव देते हैं तो उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज किसान यूनियनों के साथ तीनों कृषि कानूनों पर गहन चर्चा हुई, लेकिन फिर भी कोई समाधान नहीं निकल सका। सरकार की तरफ से कहा गया कि कानूनों को वापस लेने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, परंतु कोई विकल्प नहीं मिला। तोमर ने कहा कि सरकार ने बार-बार कहा है कि किसान संगठन अगर कानून वापस लेने के अलावा कोई विकल्प देंगे तो हम बात करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि इन कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन देश में बहुत से लोग इन कानूनों के पक्ष में हैं। उम्मीद है अगली बैठक में हमारे पास एक नया प्रस्ताव आएगा और इस मामले का हल खोजा जाएगा। हम इसे जल्द से जल्द हल करने की कोशिश करेंगे।
वहीं, सरकार के साथ वार्ता के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून निरस्त होने से पहले किसान भरोसा नहीं करेंगे। हम फिर से 15 तारीख को आएंगे। हम कहीं नहीं जा रहे हैं। सरकार संशोधनों के बारे में बात करना चाहती थी। हम क्लॉज वार चर्चा नहीं करना चाहते हैं। हम केवल नए कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहते हैं।
तारीख पर तारीख चल रही है। बैठक में सभी किसान नेताओं ने एक आवाज में बिल रद्द करने की मांग की थी। हम चाहते हैं बिल वापस हो, सरकार चाहती है संशोधन हो। सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हमने भी सरकार की बात नहीं मानी।
बैठक के दौरान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े किसान नेताओं ने शुक्रवार को दो टूक कहा कि उनकी घर वापसी तभी होगी जब सरकार इन कानूनों को वापस लेगी। सरकार ने कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने की मांग खारिज करते हुए इसके विवादास्पद बिन्दुओं तक चर्चा सीमित रखने पर जोर दिया।
बताया जा रहा है कि बैठक की अगली तारीख सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 11 जनवरी को होने वाली सुनवाई को ध्यान में रखते हुए तय की गई है। इस दिन सुप्रीम कोर्ट किसान आंदोलन से जुड़े अन्य मुद्दों के अलावा तीनों कानूनों की वैधता पर भी विचार कर सकता है।
Discussion on the laws was taken up but no decision could be made. Govt urged that if farmer unions give an option other than repealing, we'll consider it. But no option could be presented, so the meeting was concluded & it was decided to hold next meeting on 15th Jan: Agri Min pic.twitter.com/HTrWu6G2HL
— ANI (@ANI) January 8, 2021
Farmers won't relent before the laws are repealed. We'll come on 15th again. We're not going anywhere. The govt wanted to talk about amendments. We don't wish to have clause wise discussions. We simply want a repeal of the new farm laws: Rakesh Tikait, Spox, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/wAB0YXq2wt
— ANI (@ANI) January 8, 2021
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