वॉशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन चाहता है कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में सैन्य संघर्ष के अंत के लिए तालिबान जितनी जल्दी संभव हो उतनी जल्दी वार्ता की मेज पर आए. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अगस्त में अपनी दक्षिण एशिया नीति तय करते हुए अमेरिकी बलों को अफगानिस्तान में बनाए रखने की घोषणा की थी ताकि जल्दबाजी में सैनिकों को वापस बुलाने से पैदा होने वाली रिक्तता का फायदा अल कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी समूह ना उठा पाएं.
दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के सहायक सचिव और अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के लिए कार्यवाहक विशेष प्रतिनिधि एलिस वेल्स ने इस हफ्ते अमेरिकी कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान कहा कि कई राजनयिक पहलों के जरिये काफी करीब से काम किया जा रहा है लेकिन पक्षों को सीधे एक दूसरे के साथ बात करने की जरूरत है और उसमें तालिबान के सोचने के तरीके में बदलाव शामिल है.
उन्होंने सांसदों से कहा कि वह नहीं बता सकते कि इसमें कितना समय लगेगा लेकिन ‘‘हम चाहते हैं कि तालिबान जितनी जल्दी संभव हो उतनी जल्दी वार्ता की मेज पर आए.’’