केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 67वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर किसान धरने दिए बैठे हैं.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 67वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर किसान धरने दिए बैठे हैं. किसान इन तीनों कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हैं तो सरकार भी इन कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है. खुद प्रधानमंत्री मोदी भी इसको लेकर स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं. हालांकि सरकार किसानों की कुछ मांगों को मानते हुए कानूनों में संशोधन की बात कह रही है. किसान आंदोलन को लेकर राजनीति दलों द्वारा सियासी रोटियां भी खूब सेकी जा रही हैं.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी. प्रधानमंत्री ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी.
There won't be any agreement under pressure. We will hold discussions on the issue, Prime Minister is ours also, we are thankful for his initiative, we will respect it. We want our people to be released: Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait https://t.co/K4oi2VcQnW pic.twitter.com/pyfSHpfH5X
— ANI (@ANI) January 31, 2021
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