प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रबुद्ध भारत की पत्रिका के 125वें वार्षिकोत्सव में बोलते हुए रविवार को कहा कि अगर गरीब बैंकों तक नहीं पहुंच सकते तो बैंकों को गरीबों तक पहुंचाया जाए।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रबुद्ध भारत की पत्रिका के 125वें वार्षिकोत्सव में बोलते हुए रविवार को कहा कि अगर गरीब बैंकों तक नहीं पहुंच सकते तो बैंकों को गरीबों तक पहुंचाया जाए। यही ‘जन धन योजना’ ने किया। अगर गरीब स्वास्थ्य सेवाओं तक नहीं पहुंच सकते तो स्वास्थ्य सेवाओं को गरीबों तक पहुंचाया जाए, यही ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने किया है। पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत को प्रबुद्ध और जागृत बनाना चाहते थे। उनके अंदर गरीबों के प्रति सहानुभूति थी। वे मानते थे कि गरीबी सारी समस्या की जड़ है, इसलिए गरीबी को राष्ट्र से खत्म करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हमारे राष्ट्र की भावना को प्रकट करने के लिए इस पत्रिका का नाम प्रबुद्ध भारत रखा। वह जागृत भारत बनाना चाहते थे। जो लोग भारत को समझते हैं, वे जानते हैं कि वह राजनीतिक या क्षेत्रीय इकाई से परे है। उन्होनें कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत को एक ऐसी सांस्कृतिक चेतना के रूप में देखा जो सदियों से चली आ रही है। एक ऐसा भारत जो विपरीत भविष्यवाणियों के बावजूद हर चुनौती के बाद मजबूत होता है। स्वामी विवेकानंद भारत को प्रबुद्ध और जागृत बनाना चाहते थे। उनके अंदर गरीबों के प्रति सहानुभूति थी। वे मानते थे कि गरीबी सारी समस्या की जड़ है, इसलिए गरीबी को राष्ट्र से खत्म करना होगा।
गणतंत्र दिवस के दिन लालकिले पर तिरंगे का अपमान हुआ, घटना से देश बहुत दुखी: पीएम मोदी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में रविवार को कहा कि कोरोना महामारी का मजबूती से मुकाबला करने और अब उसके बाद विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाकर भारत दुनिया के सामने जहां एक मिसाल बना है, वहीं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन ऐतिहासिक लालकिले पर तिरंगे का अपमान हुआ और इस घटना से देशवासियों को बहुत ठेस पहुंची। तीन कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 73वीं कड़ी में यह भी कहा कि केंद्र सरकार खेती को आधुनिक बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और इस दिशा में उसके प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
भारतीय क्रिकेट टीम को शुरुआती दिक्कतों के बाद शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया से श्रृंखला में मिली जीत सहित नए साल में जनवरी के महीने के दौरान मनाए गए पर्व व त्योहारों के साथ अन्य घटनाओं व कायर्क्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘”इन सबके बीच, दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी भी हुआ।”
उल्लेखनीय है कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड में हिंसा की वजह से दिल्ली में 26 जनवरी के दिन अफरातफरी मच गई थी। अनेक प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए थे तथा वहां ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगा दिया था जहां प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। देश के विभिन्न इलाकों में नयी प्रौद्योगिकी की मदद से हिसालू यानी स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर बढ़ रहे उत्साह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो स्ट्रॉबेरी कभी, पहाड़ों की पहचान थी, वो अब कच्छ की रेतीली जमीन पर भी होने लगी है।
Addressing the 125th anniversary celebrations of ‘Prabuddha Bharata.’ https://t.co/UOPkG8gjW8
— Narendra Modi (@narendramodi) January 31, 2021
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