नई दिल्‍ली। नीति आयोग: जारी होगी सरकारी कंपनियों की नई लिस्‍ट-सरकार बेचेगी इनमें अपनी हिस्‍सेदारी

कुमार ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर प्रतिबद्धता दिखाई है।

नई दिल्‍ली। नीति आयोग (Niti Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को कहा कि संस्थान विनिवेश के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की अगली सूची कुछ सप्ताह में तैयार कर ली जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित संपत्ति पुनर्निर्माण और प्रबंधन कंपनियां बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या का समाधान करेंगी और उनका काम वैसे ही अच्छा होगा जैसा कि यूटीआई के मामले में देखा गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में बजट पेश किए  जाने के दो दिन बाद कुमार ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर प्रतिबद्धता दिखाई है।

लिस्‍ट बनाने की प्रक्रिया हुई शुरू

अगले दौर की हिस्सेदारी बिक्री के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की सूची के बारे में कुमार ने कहा कि ‘अब प्रक्रिया शुरू हुई है। हम अगले कुछ सप्ताह में अगली सूची तैयार कर लेंगे। हमें इस संबंध में कदम उठाने का आदेश मिला है। विनिवेश में तेजी लाने को लेकर सीतारमण ने सोमवार को अपने बजट भाषण में कहा कि नीति आयोग सार्वजनिक उपक्रमों की अगली सूची तैयार करेगा और हम उन कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश करेंगे। आयोग पहले ही विनिवेश को लेकर पांच अलग-अलग समूह में अपनी सिफारिशें दे चुका है।

बनेगा बैड बैंक

बैंक में फंसे कर्ज (एनपीए) की समस्या के समाधान के लिये संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी और संपत्ति प्रबंधन कंपनी के गठन के प्रस्ताव पर कुमार ने कहा कि बैंक और कंपनियों के हिसाब-किताब पर जुड़वा दबाव (कंपनियों को दिए गए कर्ज की वापसी नहीं होने से फंसे कर्ज में वृद्धि और इससे ऋण देने की क्षमता पर असर) है, ऐसे में यह जरूरी है कि वे फिर से कर्ज देना शुरू करें। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर, बैंकें के बही-खातों को बेहतर करने में काफी लंबा समय लगता अथवा उन्हें इससे उबारने के लिए बड़ी पूंजी उपलब्ध करानी पड़ती। इसका दूसरा रास्ता यही है कि इन गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को बैंकों के बही-खातों से अलग किया जाए।

 

कुमार ने कहा कि उम्मीद है, प्रस्तावित संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी और संपत्ति प्रबंधन कंपनी वैसा ही काम करेंगी जैसा कि यूटीआई (यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया) ने एक समय किया था। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों की स्थिति मजबूत होगी और वे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को ज्यादा कर्ज दे सकेंगे।

कठिन समय में धैर्य रखने की जरूरत

बजट में कर छूट के रूप में मध्यमवर्ग के लिए कुछ नहीं होने को लेकर की जा रही आलोचना के बारे में कुमार ने कहा कि लोगों की हमेशा यह उम्मीद होती है कि सरकार उन्हें कुछ दे। इसे तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, मैं इस बात को मानता हूं कि अर्थव्यवस्था को चलाने में करदाताओं का बड़ा योगदान है। लेकिन इस कठिन समय में हम सभी को कुछ धैर्य रखने की जरूरत है और बुनियादी ढांचा में सुधार के लिए जरूरी संसाधन जुटाने तथा अर्थव्यवस्था में निवेश परिवेश में सुधार को लेकर मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे  और शेयर करें

आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें यूट्यूब और   पर फॉलो लाइक करें

    ssss

    Leave a Comment

    Related posts