गुरुग्राम के रेयान स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में भले ही आरोपी कातिल को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन प्रद्युम्न के परिवार के लिए न्याय अभी भी अधूरा है. प्रद्युमन का परिवार अब पकड़े गए आरोपी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है. परिवार की मांग है कि 11वीं क्लास के छात्र को बालिग मानकर केस की सुनवाई की जाए.
प्रद्युमन के पिता वरुण ठाकुर ने कहा कि हम लोग कोर्ट में एक याचिका देने पर विचार कर रहे हैं कि आरोपी को बालिग मानकर उसके खिलाफ सुनवाई की जाए. उसने जघन्य अपराध किया है. उसे उसी तरह सजा भी मिलनी चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने CBSE को खत लिखकर रेयान स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की है, जिस पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.
वरुण ठाकुर ने कहा कि ने CBSE ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ कहा था कि स्कूल के अंदर भयंकर कमियां पाई गईं. उन्हीं वजहों से ये वारदात हुई है. यदि स्कूल में कमियां नहीं होती, तो शायद इस वारदात को होने से रोका जा सकता था. इसके बाद परिजनों ने CBSE को खत लिखकर स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की, जिस पर अभी तक गौर नहीं किया गया.
आरोपी छात्र और प्रद्युमन में पहले से जान-पहचान थी? इस सवाल पर वरुण ठाकुर का कहना था कि स्कूल में सभी बच्चे म्यूजिक सीखने जाते थे. हर क्लास का अलग-अलग पीरियड होता था. प्रद्युमन कैसियो बजाता था. हो सकता है कि म्यूजिक क्लास में आरोपी से प्रद्युमन की मुलाकात हुई हो. दोनों पहले से एक-दूसरे को पहचानते और जानते हों.
यदि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने इस मर्डर केस के आरोपी छात्र की मानसिकता का अध्ययन करने के बाद वयस्क मान लिया, तो आपराधिक रिकॉर्ड देखते हुए उसे उम्रकैद की सजा दी जा सकती है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो उसे नाबालिग मानते हुए 3 साल तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया जाएगा. हालांकि, सीबीआई अधिकतम सजा की मांग करेगी.
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई की नजरें स्कूल मैनेजमेंट के कुछ चाहने वालों पर भी टिकी हुई हैं. बताया जा रहा है कि इस वारदात के कुछ देर बाद स्कूल की तरफ से कुछ रसूखदार नेताओं और बड़े पुलिस अफसरों को फोन किया गया था. इस बात के सबूत भी मिले हैं. इसके बाद हत्याकांड से जुड़ी अहम सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी और बस कंडक्टर को गिरफ्तार किया.
इससे पहले यह भी खुलासा हुआ था कि गुरुग्राम पुलिस ने कई सबूतों के साथ छेड़छाड़ और मिटाने की कोशिश की थी. इसके बाद गलत तरीके से बस कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया था. यह खुलासा सीबीआई सूत्रों के जरिए हुआ है. इस मामले में 11वीं के छात्र की गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
सीबीआई जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि गुरुग्राम पुलिस के कुछ अफसरों ने जानबूझकर कई सबूत मिटा दिए. इसके साथ ही सुनियोजित तरीके से बस कंडक्टर को दोषी ठहराने के लिए कहानी बनाई. सबूत तैयार किए गए. शक के घेरे में आए पुलिसकर्मियों के कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है. विभागीय जांच की सिफारिश की गई है.