मेरठ के सीएमओ डॉ अखिलेश मोहन का कहना है कि खरखौदा इलाके के एक गांव से चार लोगों के सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए लैब भेजा गया है. महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में डेल्टा वेरियंट के केसेज मिले हैं, इसलिए एहतियात बरती जी रही है.
मेरठ: महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) की आहट की संभावना को लेकर जांच शुरू हो गई है. मेरठ के एक गांव में डेल्टा प्लस वेरिएंट की आशंका के चलते चार लोगों को सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली भेजे गए हैं. अगले कुछ दिनों में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी. इसी के बाद पता चल सकेगा कि ये वायरस किस वेरिएंट का है. सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन का कहना है कि एहितायतन ये कदम उठाया गया है. मेरठ के जिलाधिकारी के बालाजी का कहना है कि जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज की लैब को अपग्रेड करने का प्रस्ताव भी भेजा गया है.
सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन का कहना है कि मेरठ के खरखौदा इलाके के एक गांव में चार लोगों के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं. बताया गया कि ये चारों आशा वर्कर हैं. मेरठ के अंदर डेल्टा वेरियंट की कोई आशंका नहीं है लेकिन चूंकि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में डेल्टा वेरियंट के केसेज मिले हैं. इसलिए एहतियात बरता जा रहा है. डीएम के बालाजी ने बताया कि परतापुर की एक स्पोर्ट्स गुड्स कंपनी में कुछ लोगों के सैंपल लिए गए हैं. अभी भी कोविड़ कंट्रोल रूम चल रहा है. हालांकि कोरोना के केसेज़ कम होने कारण कर्मचारियों की संख्या कम है. अगर केसेज़ बढ़ेंगे तो कंट्रोल रुम में कर्मचारी भी बढ़ाए जाएंगे. उन्होंने लोगों से अपील की कि वो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.
तीसरी लहर को लेकर तैयारी शुरू
सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद ब्रिटेन स्ट्रेन के बारे में मालूम चला था. हालांकि उनका कहना है कि डेल्टा वेरियंट की संभावना कम है. लेकिन एहतियातन जीनोम सिक्वेंसिंग का कदम उठाना जरूरी है. डॉक्टर अखिलेश मोहन का कहना है कि तीसरी वेव की आशंका को लेकर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है. सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं.
वहीं मेरठ के ज़िलाधिकारी का कहना है कि मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग की लैब स्थापित कराने के लिए दो करोड़ का प्रस्ताव गेल को भेजा गया है. उन्होंने बताया कि इस बाबत सांसद ने भी पहल की है. सांसद ने पेट्रोलियम मिनिस्ट्री में भी बात की है. डीएम के बालाजी का कहना है कि अगर मेडिकल कॉलेज में लैब स्थापित हो जाएगा तो यहीं से आईडेंटिफाई किया जा सकता है कि व्यक्ति को कौन सा वेरियंट है.
#COVID19 | A total of 39,95,68,448 samples tested up to June 24. Of which 17,35,781 samples were tested yesterday: Indian Council of Medical Research (ICMR) pic.twitter.com/sSUg40GeWy
— ANI (@ANI) June 25, 2021
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