नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट-कांवड़ यात्रा पर रोक तो ईद की इजाजत कैसे? SC ने केरल सरकार के फैसले पर जताई नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार के उस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है जिसमें उसने ईद पर लोगों को दुकानें खोलने की इजाजत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कांवड़ यात्रा में दिए आदेश का पालन करे.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार के उस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है जिसमें उसने ईद पर लोगों को दुकानें खोलने की इजाजत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कांवड़ यात्रा में दिए आदेश का पालन करे. इसमें कोर्ट ने लोगों के जीने का स्वास्थ्य के अधिकार को सर्वोपरि माना था. कोर्ट ने कहा कि जीवन के अधिकार से समझौता नहीं हो सकता, अगर कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटता है तो पब्लिक में कोई भी कोर्ट आ सकता है, हम उचित एक्शन लेंगे. केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बकरीद के मौके पर  कोविड 19 प्रतिबन्धों में छूट दिए जाने के फैसले का बचाव किया.

कोर्ट ने अभी केरल सरकार के रियायत के नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया है. कोर्ट ने केरल सरकार के रुख पर नाराजगी जाहिर की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल सरकार का जवाब दुःखद  है. कैटेगरी D में एक दिन की छूट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. जस्टिस नरीमन ने कहा कि सबसे चिंता वाली बात है कि कैटेगरी D जहां कोविड सक्रमण सबसे ज़्यादा था, वहां केरल सरकार ने एक दिन की छूट दे दी. ये चिंता की बात है. केरल सरकार के हलफनामे के मुताबिक उन्होंने पूरे राज्य को कोविड मामलों के मद्देनजर A से D तक 4 कैटेगरी में बांटा था. केरल सरकार ने कोर्ट में कहा कि 15 जून से ही दफ्तर और दुकानें खुलने लगी थीं. स्थिति के आकलन के आधार पर धीरे-धीरे छूट बढ़ाई जा रही है. केरल सरकार की ओर से पेश रंजीत कुमार ने कहा कि केरल सरकार कोविड के मद्देनजर एहतियात बरत रही है. सिर्फ उन इलाकों में दुकान खोलने की इजाज़त दी गई है, जहां पॉजिटिविटी रेट कम है.

वहीं विकास सिंह ने कहा कि केरल सरकार त्यौहार के मौके पर कारोबारियों को राहत देने की बात कह रही है. इस लिहाज़ से होली और दिवाली पर भी छूट दी जानी चाहिए. केरल सरकार के जवाब का कोई औचित्य नहीं बन रहा. उत्तर प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट .02 % है , तब भी वहां प्रतिबंध है, केरल में ये 10 फीसदी है, तब भी वो रियायत की बात कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
केरल सरकार के बकरीद के मौके पर छूट देने केरल सरकार के नोटिफिकेशन को अपनी तरफ से रद्द नहीं किया. आज छूट का आखिरी दिन था, इसलिए कोर्ट ने माना कि अब वक़्त निकल चुका है. कोर्ट ने कारोबारियों के दबाव में प्रतिबन्धों में रियायत को लेकर केरल सरकार की खिंचाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह दबाव में मूल अधिकारों से समझौता नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि केरल सरकार कांवड़ यात्रा में दिए हमारे आदेश को ध्यान में रखे. इसमें कोर्ट ने आर्टिकल 21 के तहत जीने के अधिकार को सर्वोपरि करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटता है, तो पब्लिक का कोई आदमी कोर्ट आ सकता है, हम उचित आदेश पास करेंगे.

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