मुंबई: महाराष्ट्र पर भारी मानसून सीजन,अब तक 228 लोगों की मौत, 100 लापता

इस मानसून सीजन के दौरान महाराष्ट्र में 1 जून से अब तक 228 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 लोग लापता है। महाराष्ट्र की बाढ़/भारी बारिश रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

मुंबई: इस मानसून सीजन के दौरान महाराष्ट्र में 1 जून से अब तक 228 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 लोग लापता है। महाराष्ट्र की बाढ़/भारी बारिश रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून से लेकर 25 जून तक राज्य में 228 लोगों की मौत हो गई और 101 लोग घायल हो गए। इनके अलावा 100 लोग अभी लापता हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान राज्य के 890 गांव प्रभावित हुए हैं। पिछले 72 घंटों में 149 लोगों की मौत हुई है। कोल्हापुर, सांगली, सातारा और पुणे जिले के 875 गांव प्रभावित हुए हैं।

पिछले 72 घंटों में 149 लोगों की मौत

महाराष्ट्र में सतारा और रायगढ़ जिलों में 36 और शव मिलने के बाद बाढ़ और भूस्खलन समेत बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 149 (यह संख्या हाल में हुई मौतों की है) हो गई, जबकि 64 लोग लापता हैं। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। एक बयान में कहा गया है कि इन घटनाओं में अब तक 50 लोग घायल हो चुके हैं। कोंकण क्षेत्र और पश्चिमी महाराष्ट्र के प्रभावित जिलों से कुल 2,29,074 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

राज्य सचिवालय नियंत्रण कक्ष के एक बयान में कहा गया है कि पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले से 28 और तटीय क्षेत्र के रायगढ़ जिले से 8 और लोगों की मौत की खबर है। सरकार ने कहा कि अब तक रायगढ़ में 60, रत्नागिरी में 21, सतारा में 41, ठाणे में 12, कोल्हापुर में सात, उपनगरीय मुंबई में चार और सिंधुदुर्ग और पुणे में दो-दो लोगों की मौत हुई है। कोल्हापुर, सांगली, सतारा और पुणे के कुल 875 गांव मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुए हैं।

बयान में कहा गया है, ”रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित चिपलून शहर में पांच राहत शिविर बनाए गए हैं। एनडीआरएफ की 25 टीमें, एसडीआरएफ की चार टीमें, तटरक्षक बल की दो टीमें, नौसेना की पांच टीमें और सेना की तीन टीमें राहत और बचाव अभियान चला रही हैं।” चिपलून को मुंबई से जोड़ने वाली वशिष्ठी नदी पर बना पुल ढह जाने से सड़क यातायात के लिए बंद है।

राज्य सरकार ने रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में से प्रत्येक को 2-2 करोड़ रुपये की आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान की है। बयान में कहा गया है कि बारिश से प्रभावित सतारा, सांगली, पुणे, कोल्हापुर, ठाणे और सिंधुदुर्ग को भी 50-50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भीषण बाढ़ के स्थल चिपलून का दौरा किया और निवासियों, व्यापारियों और दुकानदारों से बातचीत की।

उन्होंने क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का वादा किया। ठाकरे ने कहा कि उन्हें ”दीर्घकालिक राहत के लिए केंद्रीय सहायता” की आवश्यकता होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि वह सोमवार को पश्चिमी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और नुकसान की सीमा का व्यापक डेटा तैयार किया जाएगा।

इस हफ्ते की शुरुआत में हुई भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में भूस्खलन हुआ है, जिसमें रायगढ़ जिले के तालिये गांव में हुआ सबसे घातक भूस्खलन भी शामिल है।

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